Begusarai News: बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित शेखपुरा को लेकर आज चर्चा का बाजार गर्म है। दरअसल शेखपुरा के एक स्कूल में तपती गर्मी व हीटवेव (Heatwave) के कारण कई छात्र बेहोश हो गए जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेखपुरा सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के कारम बेहोश हुए छात्रों की हालत अब स्थिर है।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इस तपती गर्मी में भी स्कूलों का संचालन कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग के इस फैसले को लेकर खूब सवाल भी उठ रहे हैं लेकिन इस गंभीर मामले को लेकर सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा। विपक्षी दल समेत अन्य लोग भी सरकार के इस फैसले की खूब आलोचना कर रहे हैं लेकिन स्थिति कुछ ऐसी है कि छात्र त्रस्त हैं और सरकार मस्त है।
बेगूसराय में तपती गर्मी का कहर
बिहार के मिथिला क्षेत्र में गंगा नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित बेगूसराय जिले में आज तपती गर्मी का कहर है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस जिले में अधिकतम तापमान का आंकडा 43 डिग्री सेल्सियस को भी पार सकता है। इस भीषण गर्मी के बीच ही बेगूसराय जिले के साथ बिहार के विभिन्न हिस्सों में सरकारी स्कूलों का संचालन हो रहा है।
बेगूसराय जिले के शेखपुरा में संचालित हो रहे एक विद्यालय में हीटवेव व तपती गर्मी के कारण कई छात्रों के बेहोश होने की खबर सामने आई है। ताजा जानकारी के अनुसार छात्रों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है। शेखपुरा सदर अस्पताल के डॉक्टर सत्येन्द्र की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “छात्रों को इस भीषम गर्मी में हमेशा हाइड्रेटेड रहना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इसके अलावा डॉ. ने गर्मी में बाहर न निकलने की सलाह भी दी है और सभी छात्रों को पानी की बोतलें अपने साथ रखने की अपील की गई है।
शिक्षा विभाग के फैसले पर उठे सवाल
बिहार शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों को 15 मई तक ही निर्धारित किया गया था। 16 मई 2024 से बिहार के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों के संचालन को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग के इस फैसले का विरोध शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों के अभिवावक भी कर रहे हैं। इनका कहना है कि इस भीषण गर्मी में स्कूल आने-जाने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालाकि तमाम विरोध व सवाल उठने के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से इस फैसले पर पुनर्विचार की कोई योजना नहीं बनती नजर आ रही है।
RJD नेता ने भी साधा निशाना
बिहार की प्रमुख विपक्षी दल RJD के नेता तेजस्वी यादव ने भी शिक्षा विभाग के इस फैसले को लेकर सरकार को घेरा है। तेजस्वी यादव का कहना है कि “बिहार में कोई सरकार और लोकतंत्र नहीं है, बल्कि केवल नौकरशाही है। सीएम नीतीश कुमार इतने कमजोर हैं कि स्कूलों के समय को लेकर भी कोई उनकी बात नहीं सुनता।”
तेजस्वी यादव ने ये भी कहा है कि “इन दिनों बिहार के विभिन्न हिस्सों में तापमान 45 डिग्री के आंकड़े को पार कर रहा है और लू चल रही है। ऐसे में कम से कम छोटे बच्चों को तो राहत मिलनी चाहिए। बिहार में स्कूलों का बुनियादी ढांचा भी अच्छा नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।”