Bhagat Singh Jayanti 2023: आज हम अगर आजाद भारत में साँस ले रहे हैं, तो इसमें हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों का बहुत बड़ा योगदान है। जी हाँ हमारे देश के कई वीर महान क्रांतिकारियों ने आजादी के लिए अपने प्राणों की चिंता न करते हुए आहुति दी। देश के महान क्रांतिकारियों ने अलग-अलग समय पर अंग्रेज़ों के खिलाफ कई घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिया। यही वजह थी, कि आज हम और आप सभी इस मुल्क में चैन की सांस ले रहे हैं। आज भारत वसुधैव कुटुंबकम की नीति पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में देखा जाए तो इसके पीछे कहीं न कहीं देश के स्वतंत्रता सेनानियों का भी योगदान है। इसलिए आज आपको शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जयंती पर उनके बारे में बताएँगे।
आज है शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती
जी हाँ यह बात लगभग हर भारतीय जनता है, कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत को अंदर तक झकझोर रख दिया था। यहां तक कि उन्हें फांसी के फंदे पर चढ़ाने के लिए भी अंग्रेजों ने साज़िश रची। इस सन्दर्भ में शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने लिखा है – “लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा, मेरे लहू का हर कतरा इंकलाब लाएगा। मैं रहूँ या न रहूँ पर एक वादा है पर एक वादा है तुझसे मेरा, मेरे मरने के बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा।”
बता दें कि वीर क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन 28 सितंबर 1907 में हुआ था। आज पूरा देश उनकी 116 वीं जयंती पर याद कर रहा है। उन्होंने महज 23 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों से लोहा लेते-लेते फांसी के फंदे को चूम लिया। देश उनकी बलिदानी को जीवन पर्यन्त तक भूल नहीं पाएगा। इस संदर्भ में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमन (स्मरण) किया है।
जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को किया नमन
बता दें कि आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर ट्वीट में लिखा, “शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर स्मरण। भारत की स्वतंत्रता के लिए उनका बलिदान और अटूट समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। साहस के प्रतीक, वह हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए भारत की अथक लड़ाई का प्रतीक रहेंगे।”
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