Bibek Debroy: देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का निधन हो गया है। शुक्रवार की देर सुबह 69 की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली है। बता दें कि बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) ने इससे पहले वर्ष 2023 (अगस्त) में ‘नए संविधान’ की मांग कर खूब सुर्खियां बटोरीं थी। बिबेक देबरॉय ने भारतीय आर्थिक नीतियों को आकार देने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई है जिसे सदैव याद रखा जाएगा।
Bibek Debroy के निधन पर PM Modi ने जताया शोक
आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक जताया है। पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में आनंद आया।”
बिबेक देबरॉय ने नए संविधान की मांग कर बटोरीं थी सुर्खियां
बिबेक देबरॉय ने 14 अगस्त 2023 को मिंट (Mint) अखबार में एक लेख लिखा। इस लेख के माध्यम से डॉ. देबरॉय ने ‘नए संविधान’ की मांग की थी। बिबेक देबरॉय ने इस मांग के पीछे दलील दी कि “हमारा मौजूदा संविधान काफी हद तक साल 1935 के भारत सरकार अधिनियम पर आधारित है। ऐसे में विचार किया जाना चाहिए कि साल 2047 के लिए भारत को कैसे संविधान की जरूरत होगी?”
डॉ. देबरॉय के इस दलील और नए संविधान की मांग के बाद राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर खूब चर्चा हुई। विपक्षी दलों ने इसे नफरत भरी सोच और संंविधान का अपमान तक बता दिया। हालांकि, बिबेक देबरॉय ने सियासी गलियारों में मचे घमासान के बाद 18 अगस्त (2023) को स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने जो भी कहा है वो उनका निजी मत है और उसका EAC और भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।