Monday, December 23, 2024
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Bihar Caste Census: बिहार सरकार ने जारी किए जाति गणना के आंकड़े, जानें पिछड़ों से लेकर सभी वर्गों का पूरा समीकरण

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Prashant Kishor: उत्तर भारत में सियासी सरगर्मी बढ़नी शुरू हो चुकी है। इसका खास कारण है वर्ष 2025 में होने वाला बिहार विधानसभा (Assembly Election 2025) का चुनाव। चुनावी रण की भूमि भले ही बिहार है, लेकिन इसकी तापिश यूपी और झारखंड के कुछ एक अन्य राज्यों में भी महसूस की जा रही है।

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Assembly Election 2025: वर्ष 2025 कई मायनों में खास रहने वाला है। उत्तर भारत में सियासी रूप से कई उतार-चढ़ाव झेल चुके बिहार में इसी वर्ष चुनाव होने हैं। संभावना है कि सितंबर या अक्टूबर 2025 में बिहार में विधानसभा का चुनाव हो। लोगों के पास चुनाव के लिए मौका भरपूर है, लेकिन सियासी सरगर्मी अभी से बढ़ने लगी है।

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Bihar Caste Census: बिहार में बहुप्रतिक्षित जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13% है तो वहीं अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01% है। वहीं सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सामान्य वर्ग की आबादी 15.52% है। राज्य की कुल आबादी को लेकर कहा गया है कि इसकी संख्या 13 करोड़ से अधिक है। बता दें कि जून 2022 में बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना को कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था। अब इसको लेकर रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी गई है।

इसकी जानकारी बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने दी। कहा जा रहा है सरकार के इस कदम से सूबे की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

पिछड़ा से लेकर अन्य सभी वर्गों का समीकरण

बता दें कि बिहार में सरकार द्वारा जारी किए जाति आधारित गणना के आंकड़े को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। ऐसे में आइये हम आपको राज्य में अलग-अलग वर्गों की आबादी के बारे में जानकारी देने की कोशिश करते हैं।

वर्गसंख्या (प्रतिशत में)
पिछड़ा वर्ग27.13%
अत्यंत पिछड़ा वर्ग36.01%
सामान्य वर्ग 15.52%
अनुसूचित जाति 19.65%
अनुसूचित जनजाति 1.06%

क्या है बिहार का जातिय समीकरण

जब सरकार ने जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया था तब इसको लेकर तरह-तरह के दावे किए गए। राजनीतिक टिप्पणीकारों की मानें तो इससे बिहार की सियासत में एक क्रांति देखने को मिल सकती है। कहा जा रहा है कि जाति आधारित गणना के बाद हर वर्ग से राजनितिक भागीदारी बढ़ेगी और साथ ही आबादी के हिसाब से सुविधाओं को देने की मांग भी उठेगी। हालाकि बिहार सरकार के समक्ष अभी इस तरह की कोई चुनौती आती नहीं दिख रही है। आइये हम आपको पहले बिहार के जातिय समीकरण के बारे में बताते हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक अभी बिहार में जाति के हिसाब से सबसे ज्यादा यादव जाति की संख्या है। इसके बाद से रविदास, कोइरी, ब्राह्मण व अन्य आते हैं।

जाति आबादी (%)
यादव 14.46%
कोइरी 4.2%
राजपूत 3.45%
भूमिहार 2.86%
कुर्मी 2.8%
रविदास 5.2%
ब्राह्मण3.65%
बनिया 2.31%
मल्लाह 2.60%
कायस्थ 0.60%
रविदास 5.2%

बिहार का धार्मिक समीकरण

बता दें कि हिन्दी पट्टी के राज्य बिहार में धार्मिक समीकरण को लेकर शुरु से ही लामबंदी देखने को मिली है। सियासत में इसका खूब बोल-बाला रहता है। चुनावी क्षेत्रों में धार्मिक समीकरण को साधकर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाता है ताकि उस क्षेत्र की बाहुल्य आबादी पार्टियों द्वारा चयन किए गए प्रत्याशी को चुनाव जीताकर सदन भेजे। ऐसे में आइये आपको बिहार के धार्मिक समीकरण की जानकारी देते हैं।

धर्म आबादी
हिन्दू 81.99%
मुस्लिम 17.70%
ईसाई 0.05%
सिख 0.011%
बौद्ध 0.0851%
जैन 0.0096%
अन्य 0.0016%

अब सरकार के इस कदम को लेकर विभिन्न वर्गों में खुशी का माहौल है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने भी इसे ऐतिहासिक बताया है। वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा है कि अब नीतियां और नियत दोनों ही इस आंकड़े का सम्मान करेंगे।

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