Nitish Cabinet Meeting: दशहरा से पहले बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। शुक्रवार को CM नीतिश कुमार की अध्यक्षता में इस हफ्ते की दूसरी कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में कुल आठ एजेंडों पर मुहर लगी है। राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति देने का फैसला किया है, हालांकि पदोन्नति भेदभाव से जड़ा मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है।
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, लगभग सभी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रमोशन लंबे समय से रुका हुआ था। लेकिन, अब जल्द उन्हें प्रमोशन दिया जाएगा।
प्रोन्नति पर लिया ये बड़ा फैसला
सरकार ने फैसला लिया है कि मामला कोर्ट में होने के चलते सभी पदों में से 17 प्रतिशत में एससी (16%)-एसटी (1%) पद आरक्षित रहेंगे। शेष 83% को फिर पदोन्नति मिलेगी। फिर अनुसूचित जाति या अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व का मूल्यांकन यह निर्धारित करने के लिए किया जाएगा कि यह उचित है या नहीं।
परिणामस्वरूप, यह निर्धारित किया जाएगा कि 83 प्रतिशत उपलब्ध पदों में से 16 प्रतिशत एससी और 1 प्रतिशत एसटी पद हैं या नहीं। यदि नहीं, तो इन 83 प्रतिशत में से 1 प्रतिशत एसटी और 16 प्रतिशत एससी को आरक्षण मिलेगा।
यदि इनमें से किसी भी श्रेणी में अधिक लोग नहीं हैं, तो पद रिक्त रखा जाएगा और आरक्षित माना जाएगा। यह कानून प्रवर्तन और शिक्षकों दोनों के लिए फायदेमंद होगा। बिहार सरकार के इस फैसले से बिहार के करीब 5 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
सरकार को है SC के फैसला का इंतजार
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ के मुताबिक, अनुसूचित जाति और जनजाति विभागों में 17 फीसदी रिक्त पद फिलहाल खाली रहेंगे। जिस पर राज्य सरकार बाद में फैसला लेगी। 2016 से राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति रूकी हुई है, जिसे पर आज हुई कैबिनेट बैठक में एक वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया गया।
उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा तो उसके आलोक में काम किया जाएगा। यदि कर्मचारी को अदालत के निर्देशों के अनुसार प्रोमोशन नहीं चाहिए होगा, तो पदोन्नत व्यक्ति को उसके पिछले पद पर वापस भेज दिया जाएगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा दिया गया पदोन्नति पेमेंट उनसे वापस नहीं लिया जाएगा।
इन फैसलों पर भी लगी मुहर
कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार ने किसानों से धान खरीदने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में रबी फसल खरीद में शामिल संस्थानों को कुल 8,000 करोड़ रुपये का ऋण देने का फैसला किया है। इसके अलावा IGMS,पटना में 149 नए पदों के सृजन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
वर्ष 2022-26 के लिए विशेष आधारभूत संरचना योजना के तहत उग्रवाद प्रभावित जिलों को 37 करोड़ 83 लाख रुपये देने की मंजूरी दी गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिहार सरकार के डेंटल अस्पताल अब किसी भी तरह का शुल्क ले सकेंगे। इसमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर में नामांकन एवं अन्य शुल्क का मानकीकरण किया गया है।
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