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Bihar News: छात्रों के लिए अहम ऐलान के साथ खुल गए बिहार के सभी स्कूल, जानें क्या होगी नई टाइमिंग

Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग ने समर वेकेशन के बाद राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों को नई टाइमिंग के साथ खोल दिया है।

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फाइल फोटो- Bihar Govt. School

Bihar News: उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में से एक बिहार में समर वेकेशन के बाद आज से सभी सरकारी स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि शिक्षक व छात्रों के लिए स्कूलों की नई टाइमिंग क्रमश: सुबह 6 बजे से 1:30 बजे तक व सुबह 6 बजे से 12 बजे तक रखी गई है। इसके तहत छात्र व शिक्षक इस नई टाइमिंग पर स्कूल आएंगे।

बिहार शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के लिए भी अहम ऐलान किया गया है। शिक्षा विभाग के प्रमुख केके पाठक ने नोटिस जारी कर सूचना दी है कि अब छात्रों को धनराशि के बदले स्कूल ड्रेस दिए जाएंगे। इसमे दो-जोड़ी पैंट शर्ट के साथ जूते-मोजे भी शामिल होंगे।

समर वेकेशन के बाद खुले स्कूल

अपने फैसलों के लिए चर्चित रहने वाले बिहार शिक्षा विभाग के प्रमुख केके पाठक एक बार फिर सुर्खियों मे हैं। दरअसल बिहार शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को समर वेकेशन के बाद खोलने के आदेश जारी किए गए हैं।

शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि छात्रों के लिए स्कूल का नई टाइमिंग सुबह 6 बजे से 12 बजे तक तो वहीं शिक्षकों के लिए सुबह 6 बजे से 1:30 बजे तक की टाइमिंग होगी। शिक्षा विभाग के इस फैसले से शिक्षकों के साथ छात्रों में भारी आक्रोश है और वे नई टाइमिंग को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

छात्रों के लिए अहम ऐलान

बिहार शिक्षा विभाग ने समर वेकेशन के बाद स्कूलों को खोलने के साथ ही सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अब सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को धनराशि के बदले यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाएगी।

शिक्षा विभाग के इस नए फैसले के तहत अब पहली कक्षा से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को एक हॉफ शर्ट-हॉफ पैंट व एक फुल शर्ट व फुल पैंट दिए जाएंगे। वहीं छात्राओं को दो जोड़ी सलवार व कमीज मिलेगी। शिक्षा विभाग ने इसके अलावा छात्र-छात्राओं को एक जोड़ी जूते-मोजे व ठंड से बचने के लिए एक स्वेटर देने का ऐलान भी किया है। बता दें कि इससे पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस के बदले पैसे दिए जाते थे।

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