Delhi Ordinance: दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े बिल को गृह मंत्री अमित शाह आगामी सोमवार को लोकसभा में पेश करेंगे। दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लेने वाले इस बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल यानी मंगलवार को ही मंजूरी दी थी। केंद्र की ओर से 19 मई को जारी इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलटने का प्रावधान है, जिसने अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग सहित सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी थीं।
इस अध्यादेश में दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा (DANICS) कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है।
अध्यादेश का AAP सरकार कर रही विरोध
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया था कि इस सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नए विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इस विधेयकों में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है।
राज्यसभा में बिल पास करना सरकार के लिए चुनौती
दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इस बिल का मुखर विरोध कर रही है और अन्य विपक्षी पार्टियों को भी इसके खिलाफ लामबंद कर रही है। ऐसे में इस विधेयक को राज्यसभा से पास कराने के लिए सरकार के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है।
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