BJP-BJD Alliance: लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसी बीच ओडिशा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ बीजू जनता दल(बीजद) भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है।
हालांकि इसकी अभी तक कोई भी औपचारिक घोषणा नही हुई है। लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी और बीजद फिर एक बार लोकसभा चुनाव साथ लड़ सकते है। गौरतलब है कि बीजद ने 11 साल की राजनीतिक साझेदारी के बाद 2009 में सीट बंटवारे की बीतचीत बेनतीजा होने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को छोड़ दिया था।
BJP-BJD Alliance में किसे होगा फायदा
माना जा रहा है कि बीजेपी और बीजेडी एक साथ लोकसभा का चुनाव लड़ सकते है। खबरो के मुताबिक बीजद नेताओं ने बुधवार को भुवनेश्वर में पटनायक के आवास नवीन निवास पर तीन घंटे तक बैठक की। इस बीच, ओडिशा भाजपा नेताओं ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के साथ भी बैठक की, जिसमें उन्होंने नवीन पटनायक के साथ संभावित गठबंधन सहित चुनावी मामलों पर चर्चा की।
बीजद की बैठक से सहमत होकर, पार्टी के उपाध्यक्ष और विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने सहमति व्यक्त की, कि भाजपा के साथ संभावित गठबंधन के बारे में चर्चा हुई। इस गठबंधन से दोनों ही पार्टियों को फायदा होता दिख रहा है। एक तरफ तो बीजद ओडिशा विधानसभा में अपनी ताकत बनाए रखना चाहती है। गौरतलब है कुछ महीनो में ओडिशा में विधानसभा के चुनाव भी होने है। वही BJP-BJD Alliance होने के बाद एनडीए गठबंधन और मजबूत हो जाएगा।
BJP-BJD Alliance क्यो टूटा था ?
आपको बता दें कि 2009 में बीजेडी ने बीजेपी आलाकमान को 63 की जगह 40 सीटों पर और 9 की जगह 6 विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। बीजेपी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिससे नवीन पटनायक पक्ष को पार्टी से अलग होना पड़ा।
2019 में बीजेपी और बीजेडी को कितनी सीटे मिली थी?
2019 में, भाजपा ने आठ संसदीय क्षेत्र और 23 विधानसभा सीटें जीतीं, जबकि बीजद ने 12 संसदीय क्षेत्र और 112 विधानसभा सीटें पर जीत हासिल की थी।