Mukhtar Abbas Naqvi: कांवड यात्रा को लेकर यूपी में प्रशासन ने अपनी पूरी कमर कस ली है। आपको बता दें कि 22 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो रहा है। यह हिंदुओं के लिए काफी पवित्र महीना माना जाता है। इसी बीच अब मुजफ्फरनगर प्रशासन के एक फैसले से सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। मुजफ्फरनगर प्रशासन ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कांवड यात्रा के दौरान हर दुकानदार को अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड लगा होना चाहिए। मुजफ्फरनगर के साथ साथ शामली और सहारनपुर में भी पुलिस ने ऐसा आदेश जारी किया है। इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
Mukhtar Abbas Naqvi ने क्या कहा?
आपको बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि
“कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। आस्था का सम्मान होना ही चाहिए,पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात। रैदास पूत सब प्रभु के,कोए नहिं जात कुजात”।।
राज्य सरकार ने सभी सांप्रदायिक भ्रम को स्पष्ट किया
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के आधार पर भ्रम पैदा हो गया था।
मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने सभी सांप्रदायिक भ्रम को स्पष्ट कर दिया है। जहां तक जहां तक कांवर यात्रा की श्रद्धा, सम्मान और सुरक्षा का सवाल है, किसी को भी इस तरह के मुद्दों पर सांप्रदायिक भ्रम पैदा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यह न तो किसी देश के लिए अच्छा है और न ही किसी धर्म या मानव जाति के लिए”।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्रोलर को दिया जवाब
गौरतलब है कि प्रशासन के फैसले के बाद बीजेपी के वरिष्ठ मुख्तार अब्बास नकवी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी थी जिसके बाद ट्रोलर उन्हें ट्रोल करने लगे जिसके बाद ट्रोलरों को मुंह तोड़ जवाब देते हुए नकवी ने एक्स पर लिखा कि
“अरे ट्रोलर टट्टुओं, कांवड यात्रा के सम्मान, श्रद्धा का सर्टिफिकेट कम से कम मुझे तो मत बाटो, मेरा हमेशा मानना है कि कोई भी आस्था असहिष्णुता,अस्पृश्यता की बन्धक नहीं होनी चाहिए”।