Mumbai Dogs: विश्वभर में सरकार ने इंसानो को उनकी जरुरत और सुविधा के लिए आधार कार्ड दिए हैं। इस समय में आधार कार्ड होना ही इंसान के भारतीय होने की सबसे बड़ी पहचान है। लेकिन हाल में मुंबई में कुछ ऐसा नया देखने को मिला जिसे देख आप भी हैरान हो सकते हैं। दरअसल मुंबई महानगरपालिका ने मुंबई शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों के गले में क्यूआर कोड का पट्टा लटका दिया है। जिसके चलते उस क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस कुत्ते से जुड़ी सभी तमाम जानकारी जैसे उसका नाम , उसको लगे इंजेक्शन आदि के बारे में पता चल सकता है। BMC के द्वारा चलाया गया इस नए अभियान के तहत अभी मुंबई एयरपोर्ट के 20 कुत्तों के गले में क्यूआर कोड का पट्टा लटकाया गया है।
पार-फ्रेंड नाम संस्था ने शुरू किया यह अभियान
कुत्तों को क्यू आर कोड टैग देने का अभियान पा-फ्रेंड संस्था के द्वारा चालू किया गया है। इस क्यू आर कोड को लगने की खास वजह यह है यदि कोई भी कुत्ता गायब हो जाता है या अपने मालिक से बिछड़ जाता है, तो ऐसे में क्यूआर कोड को स्कैन कर आसानी से उस कुत्ते को उसके ऑनर तक पहुंचाया जा सकता है। इस नए मिशन की शुरुआत रविवार यानि 16 जुलाई को हुई है।
जल्द पूरे शहर में होगा यह प्रोजेक्ट लागू
फिलहाल बीएमसी के द्वारा लागू किया गया नया मिशन को जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जा सकता है। इस बात की जानकारी खुद बीएमसी के पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के मशहूर अधिकारी ने दी है। इस मिशन के चलते पशुओं पर हो रहे अत्याचार और दुर्व्यवहार के रोक लग सकती हैं। भी इस नए प्रोजेक्ट को केवल मुंबई एयरपोर्ट के आसपास घूम रहे 20 स्ट्रीट डॉग्स को ही उनके पहचान-पत्र रुप में क्यूआर कोड प्रदान किए गए हैं। पूरे देश में मुंबई ऐसा पहले राज्य होगा जिसने इस तरह का कोई अभियान चालू किया है।
क्या है इस क्यूआर कोड की खासियत
जिस तरह सामान्य तौर पर क्यूआर कोड स्कैन करके किसी भी बैंक से जुड़ी जानकारी और कोई भी अन्य प्रकार की जानकारी पाते हैं, ठीक उसी प्रकार कुत्तों के गले पर लगे टैग में क्यूआर कोड को स्कैन कर उस कुत्ते से जुड़ी सभी जानकारी का पता लगा सकते हैं। उसमें कुत्ते का नाम, उसकी नसबंदी से जुड़ी जानकारी और इंजेक्शन आदि के बारे में पता लगाया जा सकता है।
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