CAA: सीएए को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएए पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि इस कानून को रोक लगानी वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आज सुनवाई की गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी
बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आज रोक की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है और इस मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल 2024 को होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की तरफ से CAA कानून को 11 मार्च 2024 को अधिसूचित किया गया था। जिसके बाद से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया था। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कानून का विरोध करते हुए कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए कानून को नही लागू होने देंगी।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा दायर की गई याचिका
सीएए कानून पर रोक लगाने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें अधिनियम के तहत मुस्लमानों के सुरक्षा की मांग की गई थी। आईयूएमएल ने अदालत से मुसलमानों को नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का आग्रह किया और उनकी पात्रता पर एक रिपोर्ट का अनुरोध किया। इसके अलावा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया की एक अन्य याचिका में भी इस पर रोक लगाने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा सीएए कानून लागू करने का मकसद बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से सताए गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दसंबर 2014 से पहले भारत आए थे।