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Captain Anshuman Singh: शहीद अंशुमन सिंह को याद कर भावुक हुई उनकी पत्नी, कहा ‘वह एक अति बुद्धिमान व्यक्ति’.., जानें डिटेल

Captain Anshuman Singh: शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को राष्ट्रपति के द्वारा मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।

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Captain Anshuman Singh
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Captain Anshuman Singh: शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को राष्ट्रपति के द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। जो उनकी पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां ने लिया। आपको बता दें कि कैप्टन अंशुमन सिंह जुलाई 2023 में सिचायिन में शहीद हो गए थे। बता दें कि 19 जुलाई 2023 को तड़के सियाचिन में सेना के कई टेंट में आग लग गई थी। आग इतनी तेज थी कि वह मेडिकल जांच शेल्टर में भी फैल गई। इस दौरान अंशुमन दवाएं निकालने के चक्कर में आग के बीच फंस गए वह बुरी तरह जख्मी हो गए और देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। वहीं कीर्ति चक्र लेने के बाद पत्नी स्मृति सिंह ने अपनी पहली मुलाकात को याद किया और वह बहुत भावुक नजर आई।

स्मृति सिंह ने अपनी पहली मुलाकात को लेकर क्या कहा?

बता दें कि कैप्टन अंशुमन सिंह मूलरूप से देवरिया के रहने वाले थे। वहीं उनकी पत्नी स्मृति सिंह पठानकोट की रहने वाली है। स्मृति सिंह नोएडा के एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है। पेशे से वह एक इंजनियिर है। स्मृति सिंह ने अपनी पहली मुलाकात को लेकर कहा कि “हम कॉलेज के पहले दिन मिले थे। यह पहली नजर का प्यार था। एक महीने के बाद, उनका सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) में चयन हो गया।

हम एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मिले, और वह एक मेडिकल कॉलेज में चयनित, हो गए। वह एक अति बुद्धिमान लड़का था, केवल एक महीने की मुलाकात के बाद, यह आठ वर्षों तक एक लंबी दूरी का रिश्ता था और फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, और हमने ऐसा ही किया।

आखिरी बातचीत याद कर हुई भावुक

स्मृति सिंह ने आखिरी बातचीत का भी खुलासा किया। इस दौरान वह बहुत भावुक नजर आई। उन्होंने कहा कि “18 जुलाई 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी। अपना घर होगा। हमारे बच्चे होंगे, और भी बहुत कुछ। 19 जुलाई की सुबह मैं एक फोन कॉल से उठी। उधर से आवाज आई कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए। अगले 7-8 घंटे भरोसा ही नहीं हुआ कि ऐसा कुछ हुआ है। मैं यह मानने के लिए तैयार ही नहीं थी कि मेरे पति इस दुनिया में नहीं रहे। आज तक मैं इस दुख से उबरने की कोशिश कर रही हूं, यह सोचकर कि शायद यह सच नहीं है।

अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है, तो मुझे अहसास हुआ कि यह सच है। लेकिन यह ठीक है। वे एक हीरो हैं। हम अपने जीवन को थोड़ा मैनेज कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ मैनेज किया था। उन्होंने अपना जीवन और परिवार त्याग दिया ताकि अन्य तीन परिवारों को बचाया जा सके”।

10 फरवरी 2023 को हुई थी शादी

आपको बता दें कि कैप्टन अंशुमन सिंह और स्मृति सिंह की शादी 10 फरवरी 2023 को हुई थी। कैप्टन अंशुमन 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। मालूम हो कि अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह सेना में JCO थे।

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