Chandrayaan-3: देश के लिए बहुत ही गौरवान्वित करने वाला क्षण बहुत जल्द आने वाला है। अंतरिक्ष यान से लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हो गया है। विक्रम चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का विशलेषण करेगा। अब 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे चंद्रमा की सतह पर लैंडर-रोवर उतरेंगे। अगर ये मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो जाता है तो ये 14 दिनों तक चांद पर पानी के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को ढूंढेंगे। चंद्रयान 3 पर दुनियाभर के लोगों की नजरें टिकी हुई है।
चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक लैंडिग
चांद पर चंद्रयान 3 की सफलता पूर्वक लैंडिग होने के भारत भारत अमेरिका, रुस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसने ये बड़ी सफलता हासिल की है। आपको बता दें, 5 अगस्त को चंद्रयान पहली बार चंद्रमा की कक्षा मं पहुंचा था।
इसरो प्रमुख ने कही बड़ी बात
इस बड़ी सफलता पर इसरो प्रमुख ए. सोमनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘‘लैंडिंग प्रक्रिया की शुरुआत में वेग लगभग 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड है, लेकिन यह गति चंद्रमा की सतह के क्षैतिज है। यहां चंद्रयान-3 लगभग 90 डिग्री झुका हुआ है, इसे लंबवत करना होगा। क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर दिशा में बदलने की यह पूरी प्रक्रिया गणितीय रूप से एक बहुत ही दिलचस्प गणना है। हमने कई बार इस प्रक्रिया को दोहराया है. यहीं पर हमें पिछली बार (चंद्रयान-2) समस्या हुई थी।”
चंद्रयान-3 का उद्देश्य
चंद्रयान-3 साल 2019 में शुरु किए गए चंद्रयान-2 का अगला अभियान है। इस मिशन में स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर को शामिल किया गया है। जो कि, चांद के रहस्यों का जाननें में मदद करेंगे और वहां के राज से पर्दा उठाने में मदद करेंगे। इससे वैज्ञानिकों को रिसर्च में काफी सफलता मिलेगी। आपको बता दें, चंद्रयान ने जब चंद्रमा में एंट्री की थी तो उसने कुछ चांद की तस्वीरों और वीडियो को कैमरे में कैद किया था। जिन्हें साफतौर से देखा जा सकता है।
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