Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने वाला है। ऐसे में देश ही नहीं दुनिया की नजरें इसरो के इस बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर टिकी हुई हैं। 17 अगस्त को लैंडर विक्रम ने चांद की बेहद खूबसूरत तस्वीरों को कैमरे में कैद किया था। जिसे इसरो ने वीडियो के रुप में सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर किया था। जैसे-जैसे लैंडर चांद के करीब जा रहे हैं वैसे-वैसे अपने उद्देश्य की तरफ एक सफलता के कदम के साथ आगे बढ़ रहा है।
चंद्रयान 3 की चुनौती
शानिवार की रात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आज रात 2 बजे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर डीबूस्टिंग के जरिए चांद के बेहद नजदीक जाएगा। इस दौरान लैंडर की स्पीड काफी कम कर हो जाएगी। लैंडर ये चांद की तरफ मुड़ चुका है। इसके बाद 20 अगस्त को दूसरी ‘डिबूस्टिंग’ होगी, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की गाति और भी धीमी हो जाएगी। चांद के करीब जाने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त होगी। लैंडर चांद पर 30 किमी की ऊंचाई से लैंडिंग प्रोसेस शुरू कर देगा। इसके बाद लैंडर की स्पीड 1680 मीटर प्रति सेकेंड से 2 मीटर प्रति सेकेंड लाना होगा। ये सबसे बड़ी चुनौती इसरो के लिए होगी। अगर इस चुनौती को इसरो पास कर लेता है तो उसके बाद चांद पर अमेरिका, चीन और रुस के बाद भारत ऐसी सफलता पाने वाला चौथा देश बन जाएगा।
चंद्रयान 3 का उद्देश्य
चंद्रयान 3 का उद्देश्य चांद के रहस्यों के साथ पानी को खोजना है। 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का पल इसरो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान अगर लैंडिग नहीं हो पाती है तो 1 महीने के बाद दौबारा से इसरो प्रयास करेगा।
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