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Chenab Rail Bridge: बड़ी खबर! भारतीय रेलवे ने चिनाब रेल ब्रिज पर किया ट्रेन का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत

Chenab Rail Bridge: भारतीय रेलवे द्वारा 20 जून को दुनिया के सबसे ऊंच नवनिर्मित चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रेन का सफल परीक्षण किया गया।

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Chenab Rail Bridge
Chenab Rail Bridge

Chenab Rail Bridge: भारतीय रेलवे द्वारा 20 जून को दुनिया के सबसे ऊंचे नवनिर्मित चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रेन का सफल परीक्षण किया। आपको बता दें कि इससे पहले भी नवनिर्मित Chenab Rail Bridge का ट्रायल किया गया था। मालूम हो कि यह ब्रिज रामबन जिले के संगलदान को रियासी से जोड़ता है।

चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रेन का हुआ सफल परिक्षण

गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच नवनिर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रायल रन किया। इस लाइन पर रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होंगी। माना जा रहा है कि इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा।

मालूम हो कि इससे पहले 16 जून को भारतीय रेलवे ने चिनाब रेल ब्रिज पर सफलतापूर्व इंजन ट्रायल किया था। जिसकी जानकारी खुद रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से दी थी।

चिनाब रेल ब्रिज की खासियत

●इस पुल को बनान के मंजूरी 2003 में मिली थी। हालांकि इस पुल के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों ने दो दशकों तक इंतजार किया।

●इस पुल की बनावट इस प्रकार की गई है कि अगर भूकंप भी आता है तो भी इस पुल को कुछ नहीं होगा।

●यह पुल 260 किमी प्रति घंटेकी तेज रफ्तार वाली हवाओं को भी सामना करने में सक्षम है।

●जानकारी के मुताबिक इस पुल की सेल्फ लाइफ 120 सालों की है।

रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) करेंगे निरीक्षण

गौरतलब है कि परियोजना अब अपने अंतिम चरण के करीब है। माना जा रहा है कि जल्द ही चिनाब रेल ब्रिज पर परिचालन शुरू किया जा सकता है। इसी बीच रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस), डी सी देशवाल, 27 और 28 जून को 46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का दो दिवसीय निरीक्षण करने वाले हैं। दीपक कुमार, मुख्य जनसंपर्क उत्तर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण से पहले सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

दुनिया का आठवां अजूबा

चिनाब रेल ब्रिज, नदी तल से 359 मीटर ऊपर और एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है, जो यूएसबीआरएल परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। हालांकि इस परियोजना को पूरा होने में जम्मू कश्मीर के लोगों को काफी इंतजार करना पड़ा।

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