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Article 370 Hearing: 370 मामले पर सुनवाई के दौरान CJI की बड़ी टिप्पणी, कहा- ‘अनुच्छेद 35ए ने लोगों के कई अधिकारा छीने’

Article 370 Hearing: 370 मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान CJI बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुच्छेद 35ए ने लोगों के कई अधिकारा छीने है। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 35 (ए) जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासियों को विशेषाधिकार देता है। यह भेदभावपूर्ण है।

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CJI DY Chandrachud
CJI DY Chandrachud

Article 370 Hearing: अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का मामला इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में है। इस अनुच्छेद को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार (28 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए के लागू होने से लोगों के कई अधिकार छीन गए हैं। इस अनुच्छेद ने राज्य के मूल निवासियों के अलावा अन्य लोगों के सब कुछ सीमीत कर दिया है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 35ए ने अनुच्छेद 16(1) (राज्य के तहत रोजगार के अवसर की समानता), पूर्ववर्ती अनुच्छेद 19(1)(एफ) (अचल संपत्ति अर्जित करने का अधिकार, जो अब अनुच्छेद 300ए के तहत प्रदान किया गया है) और अनुच्छेद 19 (1) (ई) (भारत के किसी भी हिस्से में निवास करने और बसने का अधिकार) को छीन लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के सामने इस मामले की सुनवाई चल रही है। मामले पर टिप्पणी करते हुए CJI ने बताया कि 1954 के संविधान आदेश ने भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) की संपूर्णता को जम्मू-कश्मीर पर लागू किया था। हालांकि, अनुच्छेद 35ए ने तीन क्षेत्रों के तहत एक अपवाद बनाया, जिसमें राज्य सरकार के तहत रोजगार, अचल संपत्ति का अधिग्रहण और राज्य में मामलों का निपटान शामिल है।

इस संदर्भ में CJI ने कहा, “हालांकि भाग III लागू है, जब आप अनुच्छेद 35ए पेश करते हैं, तो आप 3 मौलिक अधिकार छीन लेते हैं- अनुच्छेद 16(1), अचल संपत्ति हासिल करने का अधिकार जो तब 19(1)(एफ) के तहत एक मौलिक अधिकार था और निपटान का अधिकार। राज्य जो 19(1)(ई) के तहत एक मौलिक अधिकार है…अनुच्छेद 35ए को लागू करके, आपने वस्तुतः मौलिक अधिकारों को छीन लिया…और इस आधार पर किसी भी चुनौती के लिए प्रतिरक्षा प्रदान की कि यह आपको मौलिक अधिकार से वंचित कर देगा। अनुच्छेद 16 के तहत… न्यायिक समीक्षा की शक्ति छीन ली गई।”

क्या है अनुच्छेद 370 ?

बता दें कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही अनुच्छेद 35ए को भी निरस्त कर दिया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों को कुछ विशेष अधिकार दिए गए थे। यह अनुच्छेद राज्य विधायिका को भारतीय संविधान के तहत अन्य राज्यों के लोगों के समानता के अधिकार या किसी अन्य अधिकार के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दिए बिना कोई भी कानून बनाने का अधिकार देता है।

अनुच्छेद 35ए को अनुच्छेद 370 के तहत शक्ति का प्रयोग करके संविधान में जोड़ा गया था। अनुच्छेद 35ए जम्मू और कश्मीर के बाहर के किसी भी व्यक्ति (जो स्थायी निवासी नहीं है) को राज्य की नौकरी पाने या राज्य में संपत्ति का मालिक होने से रोकता है।

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