Cloud Burst: देश के कई राज्यों में लगातार बारिश से स्थिति चिंताजनक हो गई है। इसी बीच उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर बादल फटने के कारण 11 लोगों की मौत हो गई है। अगर मैदानी इलाकों की बात करें तो यहां भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। जयपुर में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या प्रकृतिक हमसे कुछ कहना चाह रही है? क्या जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है? क्या आने वाले समय में स्थिति इससे भी बुरी होने वाली है? यह कई ऐसे सवाल है जो अब सबके मन में उठने लगे है। आज हम इस लेख के माध्यम से इससे जुड़ी जानकारी आपको बताएंगे।
बादल फटने से कई लोगों की मौत
गौतरलब है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई जगहों पर बादल फटने की खबर सामने आ रही है। इसके कारण कई लोगों के मौत हो गई है। वहीं अभी भी कई लोग लापता है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुए भूस्खलन के कारण अभी तक 11 लोगों की मौत हो गई है और अभी भी कई लोग लापता है। हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। दर्जनों मकान जमींदोज हो गए है, इसके अलावा कई गाड़ियों के बाढ़ में बहने की खबर है।
जयपुर में बाढ़ से मची तबाही
अगर मैदानी इलाकों की बात करें तो मैदानी इलाकों में स्थिति खराब बनी हुई है। जयपुर मे बीते दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इसके साथ ही जयपुर के ध्वज नगर इलाके में एक घर के बेसमेंट में पानी भरने के बाद उसमे डूबने से 3 लोगों की मौत हो गई है और 1 व्यक्ति को सुरक्षित निकाला गया है। हालांकि ज्यादा पानी भरने के कारण अभी भी शवों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। इससे पहले दिल्ली में भी पानी में डूबने से 3 यूपीएसई छात्रों की मौत हो गई थी।
क्या जलवायु परिवर्तन कहर बरपा रहा है?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति खराब होती जा रही है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की जानकारी रखने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्म पृथ्वी से नमी बढ़ती है, मौसम का मिजाज बदलता है और बारिश की तीव्रता बढ़ जाती है। तापमान से अधिक तीव्र वर्षा हो सकती है, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। कहीं न कहीं ऐसी ही स्थिति पहाड़ी और मैदानी इलाकों में देखने को मिल रही है। अब वह समय आ गया है जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लिया जाए नहीं तो आने वाले समय में स्थिति और भयानक हो सकती है।