Coal Inventories Fall: दिवाली अगले माह है। ऐसे में यदि आपके शहर में अचानक से दिवाली वाले दिन बत्ती गुल हो जाए तो मज़ा किरकिरा हो जाता है। ठीक ऐसी ही खबर कोयला संयंत्र (कोल इंडिया) की तरफ से सामने निकल कर आ रही है। खबरों की मानें तो भारत में पावर प्लांट का कोयला भंडार तेजी से कम हुआ है। यह दो साल में अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर है। ऐसे में लोगों इस बात का डर सताने लगा है, कि आगामी त्योहारों में या फिर उससे पहले कहीं बत्ती न गुल हो जाए। बताया जा रहा है, बिजली संकट अगले एक-दो महीने के लिए होने वाला है।
ये रहे चौकाने वाले आंकड़े
इन दिनों भारत में अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। रायटर्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक हाइड्रोपावर आउटपुट 26.8 फीसदी कम हुआ है। बीते दो सालों में यह सबसे न्यूनतम स्तर है। एजेंसी के मुताबिक सभी प्रकार की अक्षय ऊर्जा (नेचुरल रिसोर्सेज) में जैसे की वन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा में कमी देखी गई है। पिछले माह सितंबर की बात करें तो अक्षय ऊर्जा सिर्फ 12.1 फीसदी रहा था। वहीं अब यह अक्टूबर माह में 10.1 फीसदी रह गया है।
दरअसल इसके पीछे बिजली की भारी खपत और बढ़ती मांगों की वजह से संभव हुआ है। यही वजह है, कि अब कोल इंडिया की तरफ से कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इसमें कोयले की आपूर्ति 6 फीसदी सालाना बढ़ाई गई है। अभी इसे और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
कोयले का भंडार का समीकरण भी समझें
कोयले का भंडार इतना काम हो जाएगा। यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। जैसा की हमने बताया कोयला पावर प्लांट के भंडार में गिरावट जारी है। वह गिरावट इस 12.6 फीसदी रही। बता दें नवंबर 2021 के बाद लगातार गिरावट हो रही है। तब उस दौरान भारत के पास कुल अक्षय ऊर्जा का 33 पर्सेंट कोयला भंडार था। लेकिन साल 2023 आते ही लगभग 12.6 फीसदी की गिरावट के साथ 20.58 मिलियन मीट्रिक टन रह गया है।
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