Nehru Museum: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू म्यूजियम (Nehru Memorial Museum and Library) का नाम बदल दिया गया है। अब इसे ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी’ (Prime Minister Museum and Library Society) के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया है।
‘विरासत को मिटाने की हो रही कोशिश’
कांग्रेस का कहना है की जवाहरलाल नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है, जो सही नहीं है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है की सरकार इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
‘ये सूरज को दीया दिखाने जैसा’
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार के इस फैसले को छोटी राजनीति का उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि ये सूरज को दिया दिखाने जैसा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 9 सालों में ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे उनका नाम इतिहास में दर्ज किया जा सके।
इसलिए वह बौखलाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जवाहरलाल नेहरू और उनके परिवार की विरासत को खत्म करना चाहती है। सरकार के ये मंसूबे को कामयाब नहीं होंगे।
जयराम रमेश ने भी की आलोचना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) बन गया है।”
‘बदले की भावना से काम रही सरकार’
जयराम रमेश ने आगे लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नजर आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है।”
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