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One Nation One Election बिल पर Congress, AIMIM, SP, NCP समेत कई पार्टियों ने खुलकर जताया विरोध, Amit Shah ने चर्चा पर दिया जोर

One Nation One Election बिल पर लोकसभा में मचे घमासान के बीच कई विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस, सपा, डीएमके, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), AIMIM समेत कई दलों ने खुलकर इस बिल की मुखालफत की है। वहीं अमित शाह ने विपक्षी सांसदों को आश्वस्त करते हुए बड़ी बात कह दी है।

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One Nation One Election
सांकेतिक तस्वीर

One Nation One Election: सदन में गहमा-गहमी के बीच आज अंतत: एक देश एक चुनाव बिल को पेश कर दिया गया है। इसी बीच विपक्ष ने एक देश एक चुनाव बिल को लेकर जोरदार हंगामा किया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, AIMIM, एनसीपी (शरद पवार), शिवसेना (यूबीटी), डीएमके समेत अन्य कई राजनीतिक दलों ने One Nation One Election बिल का विरोध किया है। इस बिल पर विपक्ष के रुख को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने खास बात कही है। अमित शाह ने सदन को आश्वस्त किया है कि एक देश एक चुनाव बिल पर भरपूर चर्चा की जाएगी।

One Nation One Election बिल का विपक्ष ने जमकर किया विरोध

विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA Alliance में शामिल कई दलों ने ‘एक देश एक चुनाव‘ बिल की खुलकर मुखालफत की है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि “ये बिल चुनाव आयोग को अवैध शक्तियां देगा। ये बिल भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और संघीय ढांचे के खिलाफ है।”

AIMIM चीफ व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक देश एक चुनाव बिल को लेकर कहा है कि “इस बिल के लागू होने के बाद क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी। ये बिल लोकतंत्र पर प्रहार के समान है।”

सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि “मैं संविधान के 129वें संशोधन कानून का विरोध करने के लिए खड़ा हूं। संविधान संशोधन विधेयक, संविधान की मूल भावना और मूल ढांचे को समाप्त करेगा। उस समय हमारे संविधान के निर्माताओं की तुलना में, इस सदन में भी उनसे अधिक विद्वान कोई नहीं हुआ, यह कहने में मुझे कोई झिझक नहीं है।”

एनसीपी (शरद पवार) गुट की सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि “यह फेडरलिज्म के खिलाफ है। यह बिल संविधान और संघवाद के खिलाफ है। हम सरकार से मांग करते हैं या तो इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए या फिर इसे जेपीसी में भेजना चाहिए।”

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा है कि “यह प्रस्तावित विधेयक संविधान की मूल संरचना पर ही प्रहार करता है। यदि कोई विधेयक वास्तविक है जो संविधान की मूल संरचना पर प्रहार करता है तो वह अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हमें यह याद रखना चाहिए कि राज्य सरकार और राज्य विधान सभा केंद्र सरकार या स्वयं संसद के अधीन नहीं हैं। इस संसद के पास सातवीं अनुसूची सूची एक और सूची तीन के तहत कानून बनाने की शक्ति है। इसके द्वारा राज्य विधान सभा की स्वायत्तता छीनी जा रही है।”

Lok Sabha में गहमा-गहीम के बीच Amit Shah ने दिया चर्चा पर जोर

लोकसभा में गहमा-गहमी के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने चर्चा पर जोर देते हुए विपक्ष को खास आश्वासन दिया है। अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि “पीएम मोदी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक के लिए जेपीसी समीक्षा का सुझाव दिया है। इस बिल पर चर्चा के लिए भरपूर समय मिलेगा और सभी दलों की सहमति के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।”

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