Adhir Ranjan Chowdhury: पिछले कुछ समय से देश में “वन नेशन, वन इलेक्शन” की मांग उठ रही है। ऐसे में इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में आठ सदस्य शामिल होंगे जिसमें कांग्रेस सांसद अधिक रंजन चौधरी का नाम भी शामिल था लेकिन उन्होंने इस कमेटी का हिस्सा बनने के लिए मना कर दिया है। दरसअल बीते शनिवार को सरकार ने इस कमेटी के सदस्यों के नाम का ऐलान किया था। ऐसे में जब कमेटी के सदस्य का नाम बताया गया तो उसके कुछ ही समय बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने निमंत्रण को असवीकार किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मुझे ऐसी कमेटी में काम करने की इच्छा बिल्कुल नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बताई वजह
इसी के साथ उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर इसकी वजह भी बताई। गृह मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि,‘ मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तें उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। इसके अलावा, आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक रूप से संदिग्ध, अव्यवहार्य और तार्किक रूप से लागू नहीं करने योग्य विचार को राष्ट्र पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है। ’
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे कमेटी का नेतृत्व
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि, इसके अलावा मुझे लगता है कि राज्यसभा में मौजूद एलओपी को समिति से बाहर रखा गया है। यह संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जानबूझकर किया गया अपमान है। इन हालात में मेरे पास आपका निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। इसी कड़ी में आपको बता दे कि, इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इसी के साथ इस कमेटी में गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधिक रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी का नाम शामिल है।
क्या है “वन नेशन वन इलेक्शन” ?
अगर इस बारे में बात करें कि “एक देश एक चुनाव” या “वन नेशन वन इलेक्शन” क्या है तो आपको बता दें कि, “वन नेशन वन इलेक्शन” एक प्रस्ताव है। जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के चुनाव एक साथ कराएं जाएंगे। इसका मतलब ये है कि, चुनाव पूरे देश में एक ही चरण में कराया जाएगा। इस पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि, “मैं स्थायी समिति का सदस्य था। तब मैं तृणमूल कांग्रेस पार्टी का सदस्य था। यह कोई नई बात नहीं है…चुनाव में इस्तेमाल होने वाले करोड़ों रुपये बचाए जाएंगे और इस पैसे से नए अस्पताल, सड़कें, रोजगार, हवाई अड्डे और बंदरगाह विकसित किए जा सकते हैं।
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