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Manipur Violence: मणिपुर में जमीनी हकीकत का जायजा लेगी कांग्रेस, हिंसा की जांच के लिए बनाई फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी

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Manipur Violence: मणिपुर में पिछले दिन हुई हिंसा के कारणों का पता लगाने और जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए कांग्रेस ने तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल का गठन किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह दल जल्द ही मणिपुर जाएगा। इसमें कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार और त्रिपुरा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन शामिल हैं। इस दल से अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपने के लिए कहा गया है।

फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी जल्द जाएगी मणिपुर

पार्टी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए फैक्ट-फाइंडिंग टीम का गठन किया है। ये कमेटी जल्द ही मणिपुर का दौरा करेगी और वहां की वास्तविक स्थिति का जायजा लेगी। पूरी जांच पड़ताल और राज्य के बड़े कांग्रेस नेताओं से बात करने के बाद टीम वासप दिल्ली लौटेगी। उन्होंने कहा कि टीम को जल्द से जल्द कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने खरगे से की मुलाकात

बता दें कि मणिपुर कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उन्हें पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद खरगे ने ट्वीट किया कि, “मणिपुर के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझे उन जबरदस्त कठिनाइयों से अवगत कराया, जिनसे मणिपुर के लोगों को इस मुश्किल समय में गुजरना पड़ा। जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए पर्यवेक्षकों की एक टीम जल्द ही भेजी जा रही है।”

उन्होंने कहा, “मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण और बेहद चिंताजनक बनी हुई है। केंद्र सरकार को राज्य में सामान्य स्थिति देखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। शांति सुनिश्चित करने में हर समुदाय की हिस्सेदारी है। आइए हम सभी को विश्वास में लें।”

केंद्र और राज्य सरकार ने SC में क्या कहा ?

इस बीच, केंद्र और राज्य सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है और राज्य में स्थिति में सुधार हुआ है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने SC को बताया कि इरादा राज्य में शांति बहाल करना था। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) द्वारा संचालित कुल 315 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार ने राहत उपायों के लिए 3 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि स्वीकृत की है। मेहता ने कहा कि अब तक करीब 46,000 लोगों को मदद मिल चुकी है।

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