Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने विवादित बयान के चलते सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत-पाकिस्तान के विभाजन को लेकर विवादित बात कही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मुताबिक धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। हिंदू राष्ट्र के पैरोकारों इस देश के दुश्मन हैं। उन्होंने हिंदू महासभा ने बहुत पहले हिंदू राष्ट्र की मांग की थी। जिसके परिणामस्वरूप बाद में भारत और पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
बौद्ध महोत्सव में पहुंचे थे स्वामी प्रसाद मौर्य
उन्होंने कहा कि जिन्ना नहीं बल्कि हिंदू महासभा की दो राष्ट्रों की मांग भारत और पाकिस्तान के अलगाव का कारण बनी। दरअसल, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जीआईसी ग्राउंड में आयोजित बौद्ध महोत्सव में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया।
‘सिर काटने वालों के सामने डटकर खड़े रहेंगे’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका और फ्रांस में कहा था कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। अगर हमने यही बात कह दी तो तूफान आ गया। कार्यक्रम में मौजूद बौद्ध समुदाय के सदस्यों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी शपथ लें की सिर काटने का प्रयास करने वालों के सामने सीना ऊंचा करके खड़े होंगे।
‘…क्योंकि अखिलेश पिछड़ी जाति से थे’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने CM आवास छोड़ा था तो उसे गोमूत्र और गंगाजल से धुलवाया गया था। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया कि अखिलेश पिछड़ी जाति से थे। उन्होंने कहा कि इनकी (BJP) सरकार में सिर्फ शूद्रों को अपमान हो रहा है और कुछ नहीं।
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