Sanatan Dharma Row: तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udayanidhi Stalin) द्वारा शुरू किए गए विवाद का अंत होता नहीं दिख रहा है। सनातन धर्म पर दिए उनके विवादित बयान की हर तरफ आलोचना हो रही है। इसी बीच देश की 264 हस्तियों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पत्र लिखकर इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है।
इन हस्तियों ने CJI से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है। इसके साथ ही उदयनिधि स्टालिन और तमिलनाडु सरकार के खिलाफ की कार्रवाई की मांग उठाई है। CJI के लिखे इस पत्र में कुल 264 हस्तियों के हस्ताक्षर हैं, जिसे पूर्व न्यायाधीश, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी समेत कई हस्तियां शामिल हैं।
बयान से आहत हुए हैं सनातन धर्म के अनुयायी
भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी से सनातन धर्म के अनुयायी आहत और क्रोधित हुए हैं। इस पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद देश में नफरत फैलाने वाले भाषण के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जताई थी और सरकार और पुलिस प्रशासन से औपचारिक शिकायतों का इंतजार किए बिना स्वत: संज्ञान लेने को कहा था। ऐसे में CJI इस मामले में स्वत: संज्ञान लें और कार्रवाई करें।
मामले में कड़ी कार्रवाई करे सर्वोच्च न्यायालय
पत्र में आगे कहा गया है कि आप सनातन धर्म के महत्व से भलीभांति परिचित हैं। हमारे देश के संविधान के तहत इच्छानुसार ईश्वर की पूजा और विश्वास करना स्वीकार्य है। उदयनिधि के बयान के संबंध में, हम बहुत चिंतित हैं। भारत का एक बड़ा हिस्सा इस प्रकार के बयान से जनसंख्या को नुकसान होगा, जो संविधान के मूल सिद्धांतों को भी कमजोर करता है।
स्टालिन के बयान का केवल तमिलनाडु सरकार ने समर्थन किया, जिसने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। जो न्यायालय के फैसले का अपमान है। वह कानून का मजाक बना रहे हैं। इसलिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध है कि वह राज्य सरकार को स्थिति की जिम्मेदारी लेने और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दे।
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