MP News: मध्य प्रदेश में सरकार की ओर से आयोजित एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दुल्हनों का प्रेगनेंसी टेस्ट करवाने पर विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है और इसे गरीबों का अपमान बताया है. कांग्रेस ने सरकार ने पूछा है कि वे बताएं किसी अधिकार के तहत ये प्रेगनेंसी टेस्ट करवाए गए ?
वहीं, जब इस बारे में डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रेगनेंसी टेस्ट को लेकर प्रशासन की ओर से कोई निर्देश नहीं दिए गए थे. लेकिन कार्यक्रम के दौरान कुछ दुल्हनों ने स्त्री रोग संबंधी समस्याओं की शिकायत की थी, जिसके बाद उनके किए गए थे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान सिर्फ एनीमिया की जांच के निर्देश दिए गए थे.
कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं, इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए जांच की मांग उठाई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि कार्यक्रम के दौरान 200 महिलाओं का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया, जो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है. ऐसे में इस मामले की जांच होनी चाहिए.
क्या है मामला
बता दें कि बीते शनिवार को अक्षय तृतीया के मौके पर डिंडोरी जिले के गदासराय में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह होना था. इसी दौरान हुई मेडिकल जांच में कुछ दुल्हनों ने मासिक धर्म की समस्या के बारे में शिकायत की थी. जिसके बाद कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों ने शिकायतें करने वाली महिलाओं की प्रेगनेंसी जांच का फैसला किया. टेस्ट के दौरान चार महिलाएं प्रेग्नेंट पाई गईं. जिसके बाद उन्हें शादी की इजाजत देने से इंकार कर दिया गया.
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