CM Mamata on DA: पश्चिम बंगाल में इस समय बजट सत्र के बाद विपक्ष द्वारा हो रहे विरोध प्रर्दशन में एक अद्भुत संयोग दिख रहा है। इस एक मुद्दे ने विपक्ष को आश्चर्यजनक तरीके से एक कर दिया जो वैचारिक रुप से एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। राज्य में विपक्षी भाजपा, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियां इस समय राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के बराबर मंहगाई भत्ता देने के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्ष की इस मांग पर पलटवार करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ‘राज्य के पास अपने कर्मचारियों को अधिक भुगतान करने के लिए फंड नहीं है।’
जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें पिछले महीने 15 फरवरी को राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा में बजट सत्र 2023-24 को बजट पेश करते हुए ये घोषणा करते हुए कहा था कि ममता सरकार मार्च महीने से राज्य के पेंशन भोगियों तथा शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों को 3 फीसदी अतिरिक्त मंहगाई भत्ते का भुगतान करेगी। इसका मतलब यह था कि राज्य मूल वेतन का 3 फीसदी मंहगाई भत्ता जो अभी दे रहा है। उसके अतिरिक्त 3 फीसदी मंहगाई भत्ते को सरकार मार्च के वेतन में जोड़कर देगी। लेकिन इसके बाद सरकार अपनी इस घोषणा से पलट गई। इसी बात को लेकर बीते कई दिनों से राज्य के कर्मचारी अतिरिक्त मंहगाई भत्ते की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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सीएम ममता ने दी सफाई
इसी मुद्दे को लेकर सीएम ममता ने अपना मत स्पष्ट करते हुए कहा कि “वो और ज्यादा मांगते रहते हैं, मैं और कितना दूंगी?” जब राज्य के पास अधिक भुगतान करने के लिए फंड ही नहीं है। राज्य में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन से नाराज सीएम ममता ने कहा कि “हमारी सरकार के लिए अधिक डीए देना संभव नहीं है। हमारे पास पैसा नहीं है। अगर आप इससे खुश नहीं हैं तो आप मेरा सिर काट सकते हैं,आपको और कितना चाहिए?”
विपक्ष पर साधा निशाना
सीएम ममता ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “मैंने सरकारी कर्मचारियों को 1.79 लाख करोड़ डीए का भुगतान किया है। हम 40 दिनों की पेड लीव देते हैं। आप केंद्र सरकार से तुलना क्यों कर रहे हो? हम मुफ्त चावल देते हैं, लेकिन रसोई गैस की कीमत देखें? उन्होंने चुनाव के एक दिन बाद ही कीमत बढ़ा दी। इन लोगों को संतुष्ट होने के लिए और क्या चाहिए?”
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