Cyclone Remal: चक्रवाती तूफान रेमल तेज रफ्तार हवाओं और भारी बारिश के साथ बीते रात पश्चिम बंगाल के तट से टकरा गया। चक्रवात रेमल के टकराने के साथ ही पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में 110 से 120 किमी प्रति घंटे की तीव्रता के साथ हवाएं चलीं और साथ ही भारी बारिश भी दर्ज की गई। इसमे प्रमुख रूप से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली जैसे महानगर रेमल की चपेट में आए।
रेमल चक्रवात के कारण ही कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे पर कई उड़ान प्रभावित हुए और यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कोलकाता समेत आस-पास के इलाको में तेज रफ्तार हवा के कारण पेड़-पौधे, बिजली के खंभे उखड़े मिले जिससे आम जन जीवन अस्त-व्यस्त नजर आया। ऐसे में आइए हम आपको रेमल चक्रवात के बारे में ताजा अपडेट देते हैं।
प्रभावित हुए उड़ान
रेमल चक्रवात के पश्चिम बंगाल के तट से टकराने के बाद कोलकाता समेत आस-पास के विभिन्न हिस्सों में तेज आंधी व भारी बारिश दर्ज की गई। चक्रवात के कारण ही कोलकाता एयरपोर्ट पर कई उड़ान प्रभावित हुए और उनके संचालन में देर हुई।
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक विस्तारा UK 0772 फ्लाइट, AI 0709 फ्लाइट, IX 1886 फ्लाइट, UK 0706 फ्लाइट, इंडिगो 6E 5253 फ्लाइट का संचालन निर्धारित किए गए समय से बेहद देरी से हो सका।
अस्त-व्यस्त हुआ जन जीवन
चक्रवात रेमल (Cyclone Remal) के कारण पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में तेजा हवाओं के साथ भारी बारिश दर्ज की गई है। साइक्लोन के कारण ही रास्तों पर पेड़-पौधे उखड़े पड़े हैं जिससे आज जन जीवन अस्त-व्यस्त नजर आया।
राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने उत्तर 24 परगना जिले के अलग-अलग प्रभावित हिस्सों में दाकर रास्तों में गिरे पेड़-पौधों को हटाया। चक्रवात तूफान के कारण ही सुंदरबन के इलाके भी प्रभावित नजर आए और जगह-जगह पेड़-पौधे उखड़े नजर आए।
क्या है IMD की रिपोर्ट?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से रेमल चक्रवात के प्रभाव को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है।
आईएमडी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि तटीय बांग्लादेश और निकटवर्ती तटीय पश्चिम बंगाल पर गंभीर चक्रवाती तूफान रेमल, कैनिंग से लगभग 70 किमी दूर उत्तर पूर्व और मोंगला से 30 किमी पश्चिम दक्षिण पश्चिम में कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इस सिस्टम के धीरे-धीरे और कमजोर होने की संभावना है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही लोगों को रेमल चक्रवात से राहत मिल सकेगा।