Delhi: दिल्ली एनसीआर में इंडस्ट्री में कोयले और अन्य अप्रमाणित ईंधनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा इंडस्ट्री में थर्मल पावर प्लांट में कम सल्फर कोयले के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। आयोग के अधिकारी का कहना है कि “ये प्रतिबंध पिछले साल जुलाई में सीएक्यूएम द्वारा जारी की गई नीतियों का हिस्सा था। समिति ने अगले 5 सालों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए क्षेत्रवार कार्य योजनाओं की सूची दी गई।”
प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना
अब इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोयला सहित अप्रमाणित ईंधनों का उपयोग करते हुए उद्योग और वाणिज्य के प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया जाए। बताया गया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना होगा। समिति ने निर्देश जारी कर कहा है कि “6 महीने पहले प्रतिबंध की घोषणा की थी। जिससे सभी उद्योगों को स्वच्छ ईंधन की ओर जाने के लिए प्राप्त समय मिल गया था। इसके अलावा कैप्टिक थर्मल प्लांट में कम सल्फर कोयले के इस्तेमाल की अनुमति जारी है।”
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1 जनवरी 2023 से कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध
आयोग के अधिकारी ने बताया कि “फायरवुड और बायोगैस ब्रिकेट्स का उपयोग धार्मिक उद्देश्य और दाह संस्कार के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा लकड़ी और बांस के चारकोल का उपयोग होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल और खुले भोजनालय या ढाबे के टेंडर और ग्रिल के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।” बता दे कि आयोग ने एक जनवरी 2023 से पूरे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया इसके अलावा लगभग 1.7 मिलियन टन कोयले का उपयोग वार्षिक रूप से एनसीआर में प्रयोग किया जाता हैं।
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