Delhi-NCR News: वायु प्रदुषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरे एनसीआर क्षेत्र में डीजल जनरेटर पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है। एक तरफ दिल्ली-एनसीआर पराली और वाहनों के धुएं के कारण प्रदूषित रहता है, तो वहीं बत्ती गुल होने की स्थिति में डीजल जनरेटर लोगों के उपयोग में आता है। ऐसे में इससे काफी वायु प्रदूषित होता है। इसी पर निजात पाने के लिए 1 अक्टूबर से ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ यानी की (ग्रेप ) लागू होने जा रहा है। इस स्थिति में आपको अब समझना होगा की आखिर इससे होगा क्या?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के जरिए एनसीआर होगा प्रदूषण मुक्त !
बता दें कि ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ के जरिए डीजल जनरेटर पर 1 अक्टूबर से बैन लग जाएगा। ऐसे में यदि आपके पास डीजल जनरेटर है तो समय रहते फटाफट आपको यह काम करना होगा। जी हाँ 30 सितंबर तक सभी सोसाइटी और एनसीआर में रहने वाले लोगों को प्राधिकरण ने सूचना दी है, कि डीजल जनरेटर को डुअल फ्यूल यानी की 30 प्रतिशत डीजल और 70 प्रतिशत गैस में कन्वर्ट करना होगा।
ऐसे में यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसके ऊपर ‘कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट’ और ‘एनजीटी’ के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस स्थिति में प्राधिकरण उक्त व्यक्ति या सोसाइटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
बिजली गुल होने पर अधिकारियों ने बताया अपना प्लान
यह बात बिल्कुल सही है, कि एनसीआर क्षेत्र में बिजली कट जाने पर अक्सर सोसाइटियों में लगे जनरेटर का उपयोग किया जाता है। लेकिन अब इस मामले पर नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सिंह ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया, कि नोएडा को ‘नो पावर कट जोन’ बनाया गया है। यहां अब 24 घंटे बिजली दी जाएगी। फिर भी हम सलाह देते हैं कि सोसाइटी और लोग डीजल जनरेटर को कन्वर्ट करा लें।
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