Delhi News: राजधानी दिल्ली में कई पुरानी व झज्जर मकान है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम पालिका ने मानसून आने से पहले इन खतरनाक बिल्डिंगों की पहचान करनी शुरू कर दी है जिनके गिरने का खतरा बराबर बना रहता है। सर्वे में पाया गया है कि, इमारतों की पहचान करके इसके विध्वंस और मरम्मत करने की कवायद शुरू कर दी गई है ताकि मानसून के समय किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके।
सर्वे का काम 30 जून तक पूरा होने का अनुमान
इसी कड़ी में एक अधिकारी ने कहा कि, नगर निकाय ने अपने फील्ड स्टाफ से कहा है कि, वे अपने क्षेत्रों में इमारतों या घरों का वार्षिक सर्वेक्षण शुरू करें। इस सर्वे का मकसद यह है कि, झज्जर पाए मकानों के खतरनाक होने पर उन्हें बरसात से पहले पहचाना जा सके ताकि कोई बड़ा हादसा ना हो। एक अधिकारी के अनुसार दिल्ली में झज्जर इमारतों के सर्वे का काम 30 जून तक पूरा होने की उम्मीद है।
आगमी मानसून को देखते हुए लिया गया फैसला
ऐसा बताया जा रहा है कि, मानसून से पहले हर साल स्वीकृत कॉलोनियों में झज्जर इमारतों या घरों का सर्वे किया जाता है। इसी कड़ी में नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में खतरनाक स्थिति में पाए गए भवनों और घरों को गिराने की कार्रवाई में देरी नहीं की जाए। आगमी मानसून के मौसम को देखते हुए ऐसी खतरनाक इमारतों की पहचान करने की कवायद 30 जून से पहले पूरी कर ली जानी चाहिए ताकि ऐसी इमारतों को गिराने सुरक्षित करने या मरम्मत करने के लिए उचित कार्रवाई की जा सके।
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नगरपालिका भवनों की भी जांच करें
इसी के साथ अधिकारियों ने कहा कि, वे सभी नगरपालिका भवनों, अर्थात् स्कूलों, अस्पतालों, औषधालयों, स्टाफ क्वार्टरों, जोनल कार्यालयों, जेई स्टोरों, सामुदायिक हॉल / केंद्रों, खेल परिसरों और अन्य नगरपालिका भवनों की जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने आगे कहा कि, जहां भी आवश्यक हो मरम्मत की जाए सभी भवनों के डाउन ट्रैक पाइपों की भी जांच कर आप सफाई की जाए ताकि बारिश का पानी जमाना हो सके।’
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