Delhi News: एक आश्चर्यजनक कदम में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली(Delhi News) विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। यह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चल रही जांच और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राजनीतिक हेरफेर के आरोपों के बीच आया है।
सीएम केजरीवाल ने खेला मास्टर स्ट्रोक
केजरीवाल जिनकी आम आदमी पार्टी (आप) के पास 62 सीटों के साथ विधानसभा में बहुमत है, इस कदम ने विभिन्न व्याख्याएं शुरू कर दी हैं। जहां कुछ लोग इसे सरकार की स्थिरता प्रदर्शित करने और आंतरिक असंतोष की अफवाहों को संबोधित करने के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में देखते हैं, वहीं अन्य इसे राजनीतिक अस्थिरता के आरोपों का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक पैंतरेबाज़ी के रूप में देखते हैं।
Delhi News: राजनीतिक तनाव
केजरीवाल को लगातार कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में छठी बार तलब किया है। उन्होंने लगातार किसी भी गलत काम से इनकार किया है और सम्मन को “अवैध” बताया है। इसके अतिरिक्त, सत्येन्द्र जैन, मनीष सिसौदिया और संजय सिंह सहित कई प्रमुख AAP नेता वर्तमान में अलग-अलग मामलों में जांच के दायरे में हैं या आरोपों का सामना कर रहे हैं।
Delhi News: क्या होगा अगला कदम?
दिल्ली(Delhi News) विधानसभा में शनिवार, 17 फरवरी को विश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी और उसके बाद मतदान होगा। नतीजे पर आप सरकार के भविष्य और दिल्ली में व्यापक राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव के साथ बारीकी से नजर होगी।
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