Letter to PM Modi on Sisodia Case: दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीबीआई (CBI) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में ऐसी बात लिखी गई है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुरी तरह घिर गए हैं। विपक्षी नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग होने का आरोप लगाया है। पत्र (Letter to PM Modi on Sisodia Arrest) में लिखा है कि पूर्व डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी यह दिखाती है कि हम लोकतंत्र से तानाशाही शासन में बदल गए हैं।
इन 9 नेताओं ने लिखी चिट्ठी
पत्र पर 9 विपक्षी नेताओं ने हस्ताक्षर किया है। इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल (Letter to PM Modi on Sisodia Arrest) हैं।
Nine Opposition leaders including Arvind Kejriwal have written to PM Modi on the arrest of former Delhi deputy CM Manish Sisodia in the excise policy case. They have stated that the action appears to suggest that "we have transitioned from being a democracy to an autocracy". pic.twitter.com/ohXn3rNuxI
— ANI (@ANI) March 5, 2023
खतरे में है भारत का लोकतंत्र
पत्र में पीएम नरेंद्र मोदी से उम्मीद जताई गई है। साथ ही लिखा है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। केंद्र सरकार केंद्रीय इजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इससे लगता है कि हम लोकतंत्र के निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं। भारत का लोकतंत्र खतरे में है।
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पत्र में हिमंत बिस्वा का जिक्र (Letter to PM Modi on Sisodia Arrest)
चिट्ठी में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का भी जिक्र किया गया है। सरमा का जिक्र कर लिखा है कि बीजेपी में जो नेता शामिल हो जाते हैं उनके खिलाफ जांच की गति धीमी हो जाती है।
सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार
पत्र (Letter to PM Modi on Sisodia Arrest) में लिखा है कि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार है। सिसोदिया की गिरफ्तारी से पूरे देश में लोगों में गुस्सा है। इस दौरान ईडी और सीबीआई जैसे एजेंसियों का दुरुपयोग करने की निंदा की गई है।
सरकारी एजेंसियों की छवि हो रही खराब (Letter to PM Modi on Sisodia Arrest)
विपक्षी नेताओं ने जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने कहा है कि साल 2014 के बाद से छापेमारी की संख्या में वृद्धि हो गई है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ लगातार मामले दर्ज हो रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी हो रही है। इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि जांच एजेंसी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। साथ ही सरकार विपक्ष को खत्म करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। 2014 के बाद से सरकारी एजेंसियों की छवि खराब हो गई है।
26 फरवरी को हुई थी सिसोदिया की गिरफ्तारी
गौर हो कि दिल्ली शराब घोटाले मामले में 26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने अपना इस्तीफा दिल्ली की आप सरकार को सौंप दिया था। इसके बाद शनिवार यानि 4 मार्च को सिसोदिया को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 मार्च तक फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही सीबीआई को दो दिन क और रिमांड दे दी।
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