Delhi News: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में पटाखा फोड़ने पर लगाए गए बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री, निर्माण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा पहुंच था। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष लेते हुए मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया इनकार
दरअसल, BJP मनोज तिवारी की ओर से प्रतिबंध पर आपत्ति जताई गई थी। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। आज मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में मनोज तिवारी के वकील ने पीठ से कहा कि दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी गई है। जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं, क्योंकि जहां सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, तो इसका मतलब है कि पूर्ण प्रतिबंध है। पटाखों से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य जरूरी है। अगर आप पटाखे फोड़ना चाहते हैं, तो उन राज्यों में जाएं जहां इस पर प्रतिबंध नहीं है।
प्रतिबंध के पीछे क्या है सरकार का तर्क
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने कुछ दिनों पहले ही पटाखों की बिक्री, भंडारण, निर्माण और फोड़ने पर प्रतिबंध का ऐलान किया था। ऐसा नहीं है की दिल्ली में पहली बार पटाखों पर बैन लगा है। बीते तीन सालों से दिल्ली में इस पर प्रतिबंध लग रहा है। हर साल दिवाली से पहले सरकार इस बात का ऐलान करती है। इसके पीछे सरकार का तर्क है की दिल्ली में अभी भी हवा दूषित है, ऐसे में इसकी गुणवत्ता में अभी और सुधार की जरूरत है। जिस वजह से पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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