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CM Arvind Kejriwal ने दिल्ली के ग्रामीण एरिया बवाना को दिया स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का तोहफा

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CM Arvind Kejriwal: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली के ग्रामीण एरिया बवाना को डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का तोहफा दिया। पूरी तरह वातानुकूलित यह स्कूल सभी विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। मुख्यमंत्री ने बवाना के दरियापुर गांव में बनी स्कूल की शानदार बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस स्कूल में 50 क्लास रूम, 8 लैब्स, 2 लाइब्रेरी, ऑफिस, स्टाफ रूम और लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। इस दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने मनीष जी को फर्जी मुकदमें करके जेल में डाला हुआ है। अगर उन्होंने अच्छे स्कूल नहीं बनवाए होते तो ये लोग उनको जेल में नहीं डालते। ये लोग शिक्षा क्रांति को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हम खत्म नहीं होने दंगे। उन्होंने कहा कि मेरे देश ने मुझे बहुत अच्छी शिक्षा दी है। अब मेरा फर्ज है और मैने ठाना है कि मैं देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दूं। अगर हमने अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दी तो एक पीढ़ी के अंदर हमारे देश से गरीबी दूर हो सकती है।

दिल्ली के दरियापुर कलां में नव निर्मित डॉ बी. आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल का एनसीसी बैंड ने जोरदार स्वागत किया। सीएम ने फीता काटकर स्कूल का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूल के सी-ब्लॉक में बने नए क्लासरूम, साइंस लैब, बी-ब्लॉक में बनी लाइब्रेरी और द्वितीय तल पर बने ऑडिटोरियम का जायजा लिया। इसके बाद सीएम ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन समारोह की शुरुआत की। इस दौरान स्कूल के संगीत शिक्षकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और क्षेत्रीय लोगों ने पारंपरिक पगड़ी पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत अभिनंदन किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी, स्थानीय विधायक जय भगवान, शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

हमने बवाना के लोगों से एक स्कूल बनवाने का वादा किया था, आज वो वादा डबल पूरा हो रहा है- अरविंद केजरीवाल

इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया था कि बच्चियों के लिए बने स्कूल की हालत बहुत खराब है। स्कूल टूटा-फूटा हुआ है। स्थानीय लोगों ने स्कूल को ठीक करवाने की मांग की थी। उस दौरान मैंने बवाना के लोगों से वादा किया था कि हम इस स्कूल को ठीक कराएंगे। आज वो वादा डबल पूरा हो रहा है। हम लोग जितने वादे करते हैं, उससे डबल पूरे करते हैं। बवाना के लोगों को अब एक नहीं, बल्कि दो स्कूल मिल रहे हैं। एक स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस है। दिल्ली के अंदर बने 35 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में से एक भवाना में बन चुका है। ये स्कूल इतने खास हैं कि इनमें दाखिला लेने के लिए हर साल एक लाख बच्चे परीक्षा देते हैं और कुछ हजार बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला मिल पाता है। इस शानदार स्कूल में प्राइवेट स्कूल से नाम कटाकर बच्चे पढ़ने आते हैं। अब ये स्कूल भवाना में भी बन गया है। दूसरा यहां लड़कियों का स्कूल था, जिसमें लगभग 850 बच्चियां पढ़ती हैं। उनके स्कूल की बिल्डिंग टूटी-फूटी थी। इन बच्चियों का वो स्कूल कुछ समय के लिए इसी स्पेशलाइज्ड स्कूल की बिल्डिंग में संचालित होगा और इनके लिए पास में ही 5 एकड़ जमीन पर एक नया शानदार स्कूल बनाया जा रहा है।

देश ने मुझे अच्छी शिक्षा दी है, मैं उससे भी अच्छी शिक्षा हर बच्चे को देना चाहता हूं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नवनिर्मित स्कूल का दौरा करके मुझे बेहद खुशी हुई। स्कूल की लाइब्रेरी बहुत ही शानदार है, जिसे बच्चे भी देखकर काफी खुश हो जाएंगे। मैं हमेशा कहता था कि मुझे इस देश ने बहुत कुछ दिया है। मैं अच्छे स्कूल-कॉलेज में पढ़ा, आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की, तब मेरी एक महीने की ट्यूशन फीस मात्र 32 रुपए होती थी। यह कुछ भी नहीं है। आईआईटी को देश में इंजीनियरिंग का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज माना जाता है। तब भी सरकार हम से 32 रुपए फीस लेती थी। इसका मतलब मुझे इंजीनियर बनाने के लिए सरकार ने मुझ पर पैसे खर्च किए और आज मेरा फर्ज बनता है और यह मैंने ठाना है कि देश ने मुझे जो इतनी अच्छी शिक्षा दी है, मैं उससे भी अच्छी शिक्षा अपनी दिल्ली और देश के हर बच्चे को देना चाहता हूं।

मैं जिस स्कूल में पढ़ा था, बवाना में बना यह स्कूल उससे भी ज्यादा शानदार है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं हिसार के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ा था। मगर आज मैं पूरे विश्वास के साथ बता रहा हूं कि जिस स्कूल में पढ़ा था, यह स्कूल उससे भी ज्यादा शानदार है। दिल्ली के बच्चों के लिए जो स्कूल बनकर तैयार हुआ है, इसमें शानदार लाइब्रेरी, लैबोरेटरी और क्लास रूम बने हुए हैं। यहां तक कि ऑडिटोरियम में भी एसी लगे हुए हैं। पहले कभी किसी ने ऐसा नहीं सुना था कि सरकारी स्कूलों में एसी लगे होते हैं। इस सरकारी स्कूल का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बहुत शानदार है। उन्होंने कहा कि शानदार स्कूल को देखकर ये बच्चियां काफी खुश हैं। उनके चेहरे पर मुस्कान है। मैं सभी बच्चों और अभिभावकों को इतना अच्छा स्कूल मिलने के लिए बधाई देता हूं।

अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीबों के बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर व वकील बन रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने कई देशों का अध्ययन किया है। हमारे देश के आजाद होने के बाद कई देश आजाद हुए हैं। मसलन, सिंगापुर 1960 में आजाद हुआ और आज वह हमसे आगे बढ़ गया है। क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा को दिया। उन्होंने कहा कि सड़कें, पुल तो बाद में भी बन जाएंगे। अगर हमने अपने बच्चों को पढ़ा दिया तो एक पीढ़ी के अंदर देश से गरीबी दूर हो सकती है। जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है और हमने शिक्षा पर ध्यान देना चालू किया, उसके बाद मैंने कई सारे उदाहरण देखे हैं। कई गरीब परिवारों के बच्चे अब इंजीनियर व डॉक्टर बन रहे हैं। लेकिन दिल्ली में जब शिक्षा व्यवस्था खराब थी, सरकारी स्कूलों का बुरा हाल था और यहां पढ़ाई नहीं होती थी, तब गरीब का बच्चा गरीब ही रह जाता था। जबकि अमीर लोग अपने बच्चों को बड़े-बड़े स्कूलों में भेजते थे और उनका बच्चा अमीर बन जाता था। दिल्ली में अब ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं, जहां गरीबों के बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर और वकील बन रहे हैं। मैंने देखा कि एक प्लंबर महीने में आठ हजार रुपए कमाता है। उसका बेटा दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ा और उसका आईआईटी में दाखिला हो गया। आज वो उस कॉलेज में पढ़ रहा है, जहां से मैं पढ़ा हूं। वो आईआईटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है। जब उस प्लंबर का बच्चा कॉलेज से निकलेगा तो उसे 2.5 लाख रुपए महीने की सैलरी आसानी से मिल जाएगी। जबकि उसे पिता आठ हजार रुपए कमाते हैं। इस तरह एक परिवार की गरीबी दूर हो जाएगी। अगर ऐसे ही हमने सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दी तो ये बड़े होकर अपने परिवार की गरीबी दूर कर देंगे।

सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने का काम बहुत पहले पूरा हो जाना चाहिए था- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारा देश आजाद हुआ था, उस समय अगर हम बाकी खर्चे बाद में करते और केवल एक काम कर देते कि देश के सारे सरकारी स्कूलों को शानदार बना देते। मुझे लगता है कि अगर हम 1950 में सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने पर काम शुरू कर दिए होते तो 1970 तक देश से गरीबी दूर हो जाती। बाकी यह बच्चे बड़े होकर पुल, रेल सब बना लेंगे और सारे काम कर लेंगे। अगर हम अपने देश के बच्चों की शिक्षा के ऊपर खर्च करें तो क्या नहीं हो सकता। कई सरकारें कहती हैं कि इतना पैसा कहां से लाएं? बहुत पैसे खर्च करने पड़ेंगे। पैसे तो सभी सरकारों के पास हैं। हमें यह निर्णय लेना है कि पैसे किस चीज पर खर्च करने हैं। दिल्ली सरकार के पास ज्यादा पैसा नहीं है? दिल्ली के पास भी उतना ही पैसा है, जितना बाकी सरकारों के पास है। मगर हमारा यह कहना है कि अगर हमने एक पीढ़ी के ऊपर शिक्षा में पैसा खर्च कर दिया तो इस देश के अंदर से गरीबी खत्म हो जाएगी। यह काम बहुत पहले ही जो जाना चाहिए था।

अभिभावकों से सुझाव लेकर सरकारी स्कूलों में शिक्षा को और बेहतर बनाएंगे- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूलों में पीटीए (पेरेंट्स-टीचर मीटिंग) तो होती है। उसमें अभिभावक भी आते हैं, मगर अब हम अभिभावकों से सुझाव लेना चाहते हैं। इसके लिए हम जल्द ही बच्चों के जरिए सभी अभिभावकों को एक फीडबैक फॉर्म भेजेंगे और पूछेंगे कि अभिभावकों को क्या लगता है कि शिक्षा के क्षेत्र में अब और क्या सुधार होना चाहिए? क्योंकि कई बार छोटी-छोटी चीजें होती हैं, जिन्हें करने से बहुत बड़ा असर होता है। उसके बारे में हमें पता नहीं होता है। हम फीडबैक फॉर्म से जरिए बच्चों के अभिभावकों से पूछेंगे कि उन्हें क्या लगता है कि उनके बच्चे की शिक्षा में क्या सुधार हुआ है? स्कूल में क्या सुधार हुआ है और बच्चों की पढ़ाई, स्कूल को और अच्छा करने के लिए क्या कर सकते हैं? अभिभावकों से आए सुझावों के आधार पर हम स्कूल की शिक्षा को और बेहतर करने की कोशिश करेंगे।

मनीष सिसोदिया जल्द बाहर आएंगे और इस शिक्षा यात्रा को आगे बढ़ाएंगे- अरविंद केजरीवाल

वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मनीष जी की बहुत याद आ रही है। यह मनीष जी का सपना था। ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति खत्म हो जाए, लेकिन हम उसे खत्म नहीं होने देंगे। मनीष जी ने इसकी शुरुआत की थी, उनका सपना था कि हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। इन्होंने फर्जी मुकदमें करके इतने अच्छे आदमी को इतने महीनों से जेल में डाला हुआ है। देश में इतने बड़े-बड़े डाकू घूम रहे हैं, लेकिन ये उन्हें नहीं पकड़ते हैं। इन्होंने मनीष सिसोदिया को इसलिए जेल में डाला हुआ है क्योंकि मनीष जी ने अच्छे स्कूल बनाकर बच्चों को अच्छी पढ़ाई दिया है। अगर मनीष जी ये सब काम नहीं कर रहे होते तो उन्हें किसी भी हालात में जेल में नहीं भेजा जाता। उन्हें तकलीफ हो रही है कि दिल्ली के अंदर इतने अच्छे स्कूल बन रहे हैं और चारो तरफ आम आदमी पार्टी का प्रचार हो रहा है। मैं देश के अंदर जहां भी जाता हूं, सभी लोग एक ही बात कहते हैं कि दिल्ली के स्कूल बहुत अच्छे बन गए हैं, बच्चों के नतीजे अच्छे आने लगे और गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने लग गई है। इसलिए इन्हें तकलीफ हो रही है। अगर मनीष सिसोदिया दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम नहीं करते तो उन्हें जेल नहीं होती। हमें उनके सपने पूरे करने हैं और काम को नहीं रुकने देना है। बहुत जल्दी वो बाहर आएंगे और मुझे पूरी उम्मीद है कि सच्चाई कभी भी हार नहीं सकती है। जो लोग सच पर चलते हैं, उनका भगवान साथ देता है। मनीष जी बहुत जल्द बाहर आएंगे और इस शिक्षा यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। जब तक मनीष जी जेल में हैं, हमें और दोगुनी रफ्तार से काम करना है और बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देनी है।

मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हुए सीएम अरविंद केजरीवाल, लोगों ने जमकर लगाए नारे

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल शिक्षा क्रांति के जनक पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का सपना पूरा होता देख बेहद भावुक हो गए। उनके आंखों से आंसू झलक आए। कुछ क्षण के लिए पूरा माहौल भावनात्मक हो गया। वहां मौजूद लोगों ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। बड़ी मुश्किल से सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद को संभाला और अपनी बात पूरी की।

शानदार इमारत में दिल्ली के बच्चों को मिलेगी विश्व स्तरीय पढ़ाई- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के उद्घाटन के बाद ट्वीट कर कहा, दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में भी अब बच्चों को “स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज़्ड एक्सीलेंस” में पढ़ने का मौका मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (आईबी) का सिलेबस मिलेगा। यह शानदार स्कूल आज बवाना क्षेत्र के एक गांव दरियापुर में शुरू किया है। जहां शानदार इमारत में विश्व स्तरीय पढ़ाई होगी। दिल्ली के किसी भी इलाके के बच्चों के लिए हम सुविधाओं में कोई कमी नहीं होने देंगे।।

आठ साल पहले दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच तक नहीं होते थे- आतिशी

इस अवसर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आठ साल पहले दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच, टॉयलेट नहीं होते थे। क्लास रूम की खिड़कियां और पंखे टूटे होते थे। बच्चों के पढ़ने के लिए ब्लैकबोर्ड नहीं होता था और बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। वहीं आज जब हम केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए स्कूलों की बिल्डिंग को देखते हैं, तो दावे के साथ ये कह सकते हैं कि आज दिल्ली सरकार के स्कूल जितने शानदार हो गए हैं उतने शानदार प्राइवेट स्कूल भी नहीं होंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया को दिल्ली के टूटे फूटे सरकरी स्कूलों में भी सपना दिखा कि एक दिन दिल्ली के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल को पीछे छोड़ जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक सपना संजोया था कि जब हमारे बच्चे सरकारी स्कूल में घुसेंगे और अपनी बिल्डिंग, सुविधाएं और पढाई देखेंगे तो बच्चे किसी भी दृष्टि से अपने आप को एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे से कम नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि उस सपने के नतीजे हम 8 साल बाद देख रहे हैं कि दिल्ली सरकार के स्कूल न सिर्फ प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहे है, बल्कि हर दृष्टि से उन स्कूलों को पीछे छोड़ रहे हैं।

जब बच्चों को समान अवसर मिलेगा, तभी उनके अंदर का टैलेंट निकलकर बाहर आएगा- आतिशी

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आज दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे हर जगह अव्वल हैं। चाहे वो 12वीं का रिजल्ट हो, नीट-जेईई की परीक्षा हो, स्पोर्ट्स, आर्ट क्रॉफ्ट, थिएटर, म्यूजिक हो, ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे बड़े से बड़े प्राइवेट स्कूल के बच्चों से आगे नहीं है। ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि जिन बच्चों के माता पिता के पास पैसे होते हैं, उन्ही बच्चों में सिर्फ टैलेंट होते हैं। सभी बच्चों को समान अवसर मिलेगा, तभी उनके अंदर का टैलेंट बाहर निकल के आता है। दिल्ली सरकार अभी अपने बहुत से स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों में मस्ती की पाठशाला नाम से बच्चों के लिए डांस, म्यूजिक और थिएटर की वर्कशॉप करवा रही है। उन्होंने कहा कि कल जब मै एक स्कूल में गई तो एक बच्ची ने कहा कि मुझे कथक सीखने का बहुत मन था। लेकिन बहुत ज्यादा फ़ीस होने के कारण मैं इसके लिए अपने पैरेंट्स से नहीं बोल सकी। आज उस बच्ची को न सिर्फ शनदार शिक्षा मिल रही है, बल्कि अरविंद केजरीवाल के विज़न से आज वो बच्ची गर्मियों के छुट्टीयों में बेस्ट डांस इंस्ट्रक्टर से कथक भी सिख रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने हर बच्चे को इस देश को बेहतर बनाने का अवसर दिया है। मुझे भरोसा है कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपना और अपने परिवार के साथ ही देश का नाम भी रौशन करेंगे।

स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से किया सीएम अरविंद केजरीवाल का स्वागत

स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे ही स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं को देखकर ऑडिटोरियम में आए, वहां स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस बीच क्षेत्र के बुजुर्ग भी सीएम को आशीर्वाद देने के लिए मंच पर पहुंचे और मुख्यमंत्री ने हाथ बढ़ाकर उन सभी का शुक्रिया अदा किया और आशीर्वाद लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता के इस प्यार और आशीर्वाद को हमसे कोई नहीं छीन सकता।

स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल पाकर बवाना के लोगों में खुशी की लहर

बवाना के दरियापुर कलां में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस खुलने से वहां के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद किया और जमकर जयकारे लगाए। लोगों का कहना है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने हमें स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंज स्कूल की सौगात दी है। यह हमारे लिए बहुत हर्ष की बात है। अब स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के खुलने से हमारे बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा मिल पाएगी और उनका भविष्य सुनहरा होगा। कार्यक्रम के अंत में स्थानीय लोगों ने मिलकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

तीन ब्लॉक वाली नई बिल्डिंग में 50 क्लास रूम, 8 लैब्स, 2 लाइब्रेरी, ऑफिस, स्टाफ रूम और लिफ्ट समेत सभी सुविधाएं हैं

सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की जनता को समर्पित अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की यह नई बिल्डिंग ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिला बनी है। इस स्कूल बिल्डिंग का निर्माण अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ था और मई 2023 में पूरा कर लिया गया। करीब 69 साल पहले 1954 में स्कूल बनवाने के लिए ही यह 11 एकड़ जमीन दान में मिली थी। 1965 में दान में मिली जमीन के कुछ हिस्से पर एक स्कूल का निर्माण किया गया था, लेकिन बाद के वर्षों में स्कूल की बिल्डिंग के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया। परिणाम स्वरूप स्कूल की बिल्डिंग की हालत जर्जर होती चली गई जबकि मौजूदा वक्त में 850 स्वच्छ नामांकित हैं। वहीं, स्कूल परिसर में काफी जमीन खाली पड़ी थी। दिल्ली के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने के इरादे से सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के लिए नई बिल्डिंग बनवाई है। स्कूल की नई बिल्डिंग में तीन ब्लॉक हैं। इसमें 50 क्लास रूम के अलावा 8 लैब्स, 2 लाइब्रेरी, ऑफिस और स्टाफ रूम, एक्टिविटी रूम, टॉयलेट हैं। बच्चों की सुविधाओं के मद्देनजर हर मंजिल पर लिफ्ट है। 200 लोगों के बैठने की क्षमता सहित पूरी तरह से वातानुकूलित बहुउद्देश्यीय हॉल है।

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केजरीवाल सरकार का यह है 35वां स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल

सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का यह 35वां अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस है। पहले साल एसटीईएम (स्टेम) और मानविकी विशेषज्ञता में कक्षा 9 के लिए प्रवेश दिए जा रहे हैं। प्रत्येक क्लास के अधिकतम 4 सेक्शन होंगे। लगभग 500 छात्र दो विशेषज्ञताओं में से प्रत्येक में अध्ययन कर सकेंगे। इस बिल्डिंग का एक ब्लॉक यहां पहले से मौजूद सर्वाेदय कन्या विद्यालय के लिए दिया जाएगा, जब तक कि उसकी नई बिल्डिंग बनकर तैयार न हो जाए। अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय इस क्षेत्र के बच्चों को विश्व स्तरीय टीचिंग-लर्निंग के अवसर प्रदान करेंगे।

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