Friday, November 22, 2024
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CM Kejriwal का ऐलान, इसी साल दिसंबर तक खत्म होगा ओखला से कूड़े का पहाड़

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Delhi AAP Candidate List: देश में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों की चर्चा है। इसी सियासी गहमा-गहमी के बीच दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सधी चाल चलते हुए बड़ा कदम उठाया है।

CM Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़ा हटाने के कार्य का जायजा लिया। इस दौरान सीएम ने कूड़े की प्रोसेसिंग प्रक्रिया की समीक्षा की और दिसंबर तक साइट से कूड़े का पहाड़ खत्म करने का ऐलान किया। साथ ही अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन के जरिए कूड़े को खत्म करने को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री कैलाश गहलोत, दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, डिप्टी मेयर आले इकबाल समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

दिसंबर तक कूड़े के पहाड़ से निजात 

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्लीवालों को जल्द से जल्द निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। ओखला लैंडफिल साइट के आसपास रहने वाले लाखों लोगों को दिसंबर तक कूड़े के पहाड़ से निजात मिल सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने आज ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़े की प्रोसेसिंग प्रक्रिया की समीक्षा की और दिसंबर तक साइट से कूड़े का पहाड़ खत्म करने का एलान किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मई 2024 तक कूड़े को साफ करने का लक्ष्य है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि दिसंबर तक इसे साफ कर दें। इस साइट पर अभी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा है। यहां से कूड़ा खोदकर निकालने की क्षमता तो 17 हजार मीट्रिक प्रतिदिन टन है, लेकिन कूड़े को डिस्पोज करने की क्षमता अभी 4-4.5 मीट्रिक टन ही है। हम डिस्पोज करने की क्षमता बढ़ा रहे हैं। उम्मीद है कि एक अप्रैल तक कूड़े को डिस्पेज करने की क्षमता 10 हजार मीट्रिक टन और एक जून तक 15 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन हो जाएगी। अगर प्रतिदिन 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा डिस्पोज किया जाता है, तो हम ओखला के कूड़े को दिसंबर तक साफ कर देंगे।

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26 साल से ओखला लैंडफिल साइट पर कू़ड़ा

इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि करीब 26 साल पहले ओखला लैंडफिल साइट पर कूडा आना शुरू हुआ था। वर्तमान में यहां पर करीब 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। 2019 से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा उठाने का काम धीरे-धीरे शुरू हुआ था। अभी तक यहां से करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है। लेकिन अभी भी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। इस कूड़े के पहाड़ को मई 2024 तक साफ करने का लक्ष्य है। कूड़े के पहाड़ को साफ करने के लिए सभी ऑफिसर्स और इंजीनियर लगे हुए हैं। उनका प्रयास है कि मई 2024 की बजाय दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को साफ कर दिया जाए।

बॉयोमैथोनेशन का प्लांट लगाएंगे

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि एक अप्रैल को मैं दोबारा जायजा लेने के लिए ओखला लैंडफिल साइट पर आउंगा। उम्मीद है कि एक जून से हम लोग ओखला लैंडफिल साइट से 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन डिस्पोज कर पाएंगे। अगर हम लोग प्रतिदिन 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन डिस्पोज करने में सफल होते हैं, तो ओखला लैंडफिल साइट के कूड़े को दिसंबर-जनवरी तक साफ करने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे। इस कूड़े के साफ होने से यहां आसपास रहने वाले लोगों को भी निजात मिलेगी। हमारा प्लान है कि जब यह कूड़ा पूरी तरह से साफ हो जाएगा, तो यहां पर सीएंडडी वेस्ट का बड़ा प्लांट लगाया जाएगा और बॉयोमैथोनेशन का प्लांट लगाया जाएगा। इसी तरह गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी काम चल रहा है। ओखला लैंडफिल साइट का दौरा करने के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘आज ओखला कूड़े के पहाड़ का दौरा किया। इसे मई 2024 तक साफ करने का टारगेट है, लेकिन हम कोशिश करेंगे इसे इस साल दिसंबर तक साफ़ कर दें।’’

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ओखला साइट के कूड़े के निस्तारण पर एक नजर

सैनिटरी लैंडफिल (एसएलएफ) का क्षेत्रफल करीब 63 एकड़ है। यहां पर 1996 से कूड़ा आ रहा है। एनजीटी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए 2019 में यहां से खोदकर (बॉयो माइनिंग) कूड़ा निकालने की पहल शुरू की गई। 1 मार्च 2023 तक यहां से करीब 25.56 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है। ओखला लैंडफिल साइट से बॉयो माइनिंग और बॉयो रिमेडिएशन का कार्य कर रही एजेंसी को 30 लाख मीट्रिक टन कूड़े का डिस्पोज करना है। ओखला लैंडफिल साइट के कूड़े को इनर्ट, सीएंडडी और आरडीएफ में बांटा गया है। इनर्ट कूड़े के डिस्पोजल के लिए एनएचएआई द्वारा राजमार्ग परियोजना स्थल, ईसीओ पार्क बदरपुर के पास अपनी भूमि पर वृक्षारोपण का काम किया जा रहा है। सी एंड डी कूड़े के डिस्पोजल के लिए एनएचएआई परियोजना स्थल पर काम चल रहा है। यहां सी एंड डी प्लांट लगाया जा रहा है, ताकि सी एंड डी कूड़े को रेत, एग्रीगेट्स और स्टोन डस्ट समेत अन्य उपयोगी उत्पादों में रिसाइकल किया जा सके। इसी तरह आरडीएफ कूड़े को डिस्पोजल के लिए सीमेंट प्लांट और कूड़े से ऊर्जा बनाने वाले प्लांट में भेजा रहा है।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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