Delhi Government vs Centre Row: दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच चल रहे विवाद पर आज आए फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने इसे जनतंत्र की जीत बताया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद CM अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ” दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी. जनतंत्र की जीत हुई।’
इससे पहले 14 जनवरी को इस मसले पर दिल्ली के LG विनय सक्सेना के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए CM अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह उपराज्यपाल के दावों से सहमत नहीं हैं। दिल्ली की नौकरशाही विवाद मामले में एलजी संविधान और कानून के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसके जवाब में राजनिवास के अधिकारी ने कहा था कि एलजी विनय सक्सेना अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए संविधान के प्रति जिम्मेदार हैं। उनके सभी कार्य और निर्णय समय-समय पर संविधान, संसद द्वारा निर्मित कानूनों कानूनों और न्यायालयों द्वारा जारी निर्णयों के अनुरूप रहे हैं।
‘लंबे संघर्ष के बाद जीत’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। AAP नेता और सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए इस फैसले को ‘लंबे संघर्ष के बाद जीत’ करार दिया है। जबकि आप नेता राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए फैसले का स्वागत किया है और दिल्ली एलजी पर निशाना साधा है।
वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एक पक्ष ये भी है कि भारत की संसद सीधे कानून बनाकर दिल्ली विधानसभा की शक्तियों को निर्धारित करने का काम कभी भी कर सकती है।’
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई को लेकर आम आदमी की सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर विवाद था। दिल्ली सरकार ने कोर्ट से केंद्र के साथ अपनी शक्ति की सीमा तय करने की मांग की थी। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने 18 जनवरी को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब Supreme Court ने इस मामले पर अहम फैसला सुनाया है।