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NITI Aayog की बैठक में शामिल नहीं होंगे अरविंद केजरीवाल, PM को लिखा पत्र, इस बात पर जताई नाराजगी

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Delhi CM Arvind Kejriwal will not attend NITI Aayog meeting
Delhi CM Arvind Kejriwal will not attend NITI Aayog meeting

NITI Aayog: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल (27 मई) को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर PM से कई सवाल पूछे हैं। वहीं, भाजपा पर निशाना भी साधा है।

PM मोदी को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

PM मोदी को लिखे पत्र ने CM केजरीवाल ने लिखा, ” कल नीति आयोग की मीटिंग है। नीति आयोग के उद्देश्य हैं भारतवर्ष का विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।
पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और ना ही सहकारी संघवाद”।

केजरीवाल ने BJP पर साधा निशाना

केजरीवाल ने आगे लिखा, “पिछले कुछ वर्षों से देश भर में एक संदेश दिया जा रहा है यदि किसी राज्य में लोगों ने गैर भाजपा पार्टी की सरकार बनाई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
या तो गैर भाजपा सरकार को विधायक खरीद कर गिरा दिया जाता है, या ED / CBI का डर दिखाकर विधायक तोड़कर सरकार को गिरा दिया जाता है। अगर किसी पार्टी के विधायक ना बिके और ना टूटे तो अध्यादेश लागू करके या गवर्नर के जरिए उस सरकार को काम नहीं करने दिया जाता।”

केंद्र के अध्यादेश का किया विरोध

केंद्र द्वारा दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश पर भी CM केजरीवाल ने सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, ” आठ साल की लड़ाई के बाद दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जीती, दिल्ली वालों को न्याय मिला। मात्र आठ दिन में आपने अध्यादेश पारित करके सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया। तो आज अगर दिल्ली सरकार का कोई अधिकारी काम ना करे तो लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार उस बारे में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। ऐसे सरकार कैसे काम करेगी ? ये तो सरकार को बिलकुल पंगु बनाया जा रहा है।”

‘बैठक में आने का कोई फायद नहीं’

CM केजरीवाल ने आगे लिखा, “आपके अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लोगों में जबरदस्त विरोध है। सुप्रीम कोर्ट को न्याय का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। लोग पूछ रहे हैं अगर प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे ? जब इस तरह खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।”

बंगाल और पंजाब ने भी बॉयकॉट की बैठक

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने बीते दिनों ही इस बात का ऐलान किया था। बैठक में भाग नहीं लेने के ममता बनर्जी के फैसले के पीछे वजह अभी तक पता नहीं चली है। हालांक‍ि राजनीत‍ि गल‍ियारे में ममता के हाल‍िया कदम को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर भी देखा जा रहा है। वहीं, पंजाब के CM भगवंत मान भी इस बैठक का बॉयकॉट करने का ऐलान कर चुके हैं।

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