Delhi MCD: दिल्ली एमसीडी में जन प्रतिनिधियों की विकास निधि को बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके बाद अब निगम के पार्षदों को अपने वार्डों में विकास कार्यों में फंड की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी पदों के मदों की फंड सीमा को बढ़ा दिया गया है। इनमें निगम महापौर, स्थाई समिति के अध्यक्ष, दल के नेता, आयुक्त, जोन के उपायुक्त, वार्ड समिति के अध्यक्ष का एमसीडी ने फंड को बढ़ाने का प्रावधान किया है।
जानें क्या है एमसीडी का कदम
निगम पार्षदों को अपने वार्डों में बढ़ती मंहगाई के अनुरूप विकास कार्यों में आ रही समस्याओं को देखते हुए फंड की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। दरअसल आवश्यकता पड़ने पर पार्षदों को धन की कमी का सामना विकास कार्यों में न करना पड़े, इसके लिए मदों में आकस्मिक धन का प्रावधान किया जाता है। इसके लिए एमसीडी ने लगभग सभी मदों में फंड सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है। अब एमसीडी ने अपने 250 वार्ड पार्षदों के फंड के मद को बढ़ाकर 188 करोड़ रुपए कर दिया है। इसके मुताबिक अब एक पार्षद को अब तक मिल रही 50 लाख की जगह बढ़कर 75 लाख रु.सालाना कर दिया है। इसके साथ ही क्रमागत रूप से महापौर को 10.25 करोड़, स्थाई समिति के अध्यक्ष को 9.75 करोड़,नेता सदन को 2.5 करोड़, नेता विपक्ष के मद में 70 लाख आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही एमसीडी कमिश्नर को 2 करोड़ रु.,जोन उपायुक्त और वार्ड समिति अध्यक्ष को 50-50 लाख रु. आवंटित किए गए हैं।
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जानें किन मदों से होती है व्यवस्था
बता दें वार्ड पार्षदों को धन का आवंटन एक निश्चित राशि में निर्धारित होता है। लेकिन किसी-किसी पार्षद का वार्ड काफी बड़ा होता है। तो निर्धारित फंड मांग अथवा जन समस्याओं को सुलझाने के क्रम में कम पड़ जाता है। तब जनप्रतिनिधि एमसीडी से मांगों का ब्यौरा देकर अतिरिक्त धन की मांग करता है। तब एमसीडी द्वारा बनायी गई सेवाओं जैसे- सफाई सेवाओं में सुधार, सड़क सुधार,पथ प्रकाश,स्वच्छ भारत मिशन के मद से फंड जारी किए जाते हैं। इसके अलावा एमसीडी स्वास्थ्य, शिक्षा,सफाई, पार्कों इत्यादि के लिए भी अतिरिक्त मद की व्यवस्था रखती है। इन सभी मदों से पार्षद संबंधित विकास कार्यों हेतु अतिरिक्त विकास राशि ले सकते हैं।