Delhi News: देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम तेजी से बदलता नजर आ रहा है। वर्तमान हालात की बात करें तो ग्रीष्म सत्र बीत चुका है और हल्के धुंध और कोहरे के साथ शर्दी दस्तक दे रही है। धुंध और कोहरे के बीच राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के रूप में समस्या सामने आने लगी है। दशहरा के ठीक बाद आतिशबाजी व अन्य कारणों से दिल्ली (Delhi News) के विभिन्न हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बिगड़ता नजर आया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 14 अक्टूबर की सुबह 7 बजे राजधानी के वजीरपुर में एक्यूआई 284, विवेक बिहार में 276, आरके पुरम में 244, नेहरू नगर में 232 तो मुंडका में 246 तक पहुंच गया था। ऐसे में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने वायु प्रदूषण को देखते बड़ा फैसला लिया है। डीपीसीसी की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध (Firecrackers Ban in Delhi) लगाने का आदेश जारी किया गया है। दिवाली (Diwali) से पहले डीपीसीसी की ओर से लिए गए इस निर्णय को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं।
Diwali से पहले DPCC का बड़ा फैसला
प्रकाश पर्व के रूप में मशहूर दिवाली (Diwali) से ठीक पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने बड़ा फैसला लिया है। डीपीसीसी की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्ट किया गया है कि दिनांक 01.01.2025 तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से पटाखों की डिलीवरी और सभी प्रकार के पटाखों को फोड़ने पर भी ये नियम लागू होगा। डीपीसीसी ने ये कदम वायु प्रदूषण को देखते हुए उठाया है ताकि राजधानी दिल्ली (Delhi News) को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
DPCC ने वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया फैसला
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध (Firecrackers Ban in Delhi) लगाने का फैसला लिया है। बता दें कि दशहरा पर राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन के दौरान भारी मात्रा में आतिशबाजी हुई थी। इससे कई इलाकों में अगली सुबह धुंध और कोहरे की चादर नजर आईं। इस दौरान लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे में डीपीसीसी ने एहतियात के तौर पर बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का काम किया है।