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Delhi News: कूलिंग टेक्नोलॉजी से हो रहा हीटस्ट्रोक मरीज का इलाज, जानें क्या है RML अस्पताल के चिकित्सकों का दावा?

Delhi News: दिल्ली के राम मोनहर लोहिया अस्पताल में हीटस्ट्रोक के मरीजों के इलाज हेतु नई कूलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

Delhi News: उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों के साथ राजधानी दिल्ली में भी भीषण गर्मी का दौर जारी है। इस बीच सामान्य तापमान लगातार 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े तक पहुंच रहा है जिसके कारण हीटस्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में स्थित राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल की बात करें तो यहां भी पिछले दिनों हीटस्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी है।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हीटस्ट्रोक के मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए इमर्सन कूलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे कि वे शीघ्र स्वस्थ्य हो सकें।

खास टेक्नोलॉजी से हो रहा हीटस्ट्रोक मरीजों का इलाज

राजधानी दिल्ली के राम मोनहर लोहिया अस्पताल में इमर्सन कूलिंग टेक्नोलॉजी के जरिए हीटस्ट्रोक के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक जब हीटस्ट्रोक के मरीज अस्पताल में आते हैं तो उनके शरीर का तापमान 102 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा होता है। ऐसे में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए शुरुआती 1 घंटे तक मरीज को नए कूलिंग उपकरण से लैस टब में रखा जाता है जिससे कि उसके शरीर का तापमान नियंत्रित हो और इलाज की विधि शुरू की जा सके।

चिकित्सकों के मुताबिक इस खास टेक्नोलॉजी से हीटस्ट्रोक के मरीजों की स्थिति तेजी से सुधारी जा सकती है और उन्हें बेहतर इलाज दिया जा सकता है।

कैसे करें हीटस्ट्रोक से बचाव?

भीषण गर्मी के दिनों में हीटस्ट्रोक की बिमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। दरअसल हीटस्ट्रोक की स्थिति में आपका शरीर तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता और शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। इस स्थिति में शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता। ऐसे में हीटस्ट्रोक से बचना हमारे लिए बड़ी चुनौती है जिससे कि हम खुद को सुरक्षित रखें और अपने घर-परिवार के अन्य सदस्यों का भी संरक्षण कर सकें।

हीटस्ट्रोक से बचने के लिए समय-समय पर पानी, ओआरएस घोल, नींबू-चीनी, ग्लूकोज व नारीयल पानी जैसे तरल पदार्थ का सेवन करें। इसके अलावा कोशिश करें कि धूप में न निकला जाए और यदि निकलना हो तो हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें और छाता का इस्तेमाल करें।

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