Delhi Government: दिल्ली सरकार की तरफ से बिजली वितरण कंपनियों को मिली सब्सिडी के लेखा परीक्षण कराने के आदेश दिए गए हैं। ये ऑडिट साल 2016-17 से 2021-22 के बीच पिछले 5 सालों का किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इस ऑडिट के माध्यम से उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से जारी सब्सिडी पारदर्शी तरीके से पहुंचना सुनिश्चित हो। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी मार्लेना ने बताया की केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ऑडिट के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद यह सुनिश्चित हो जाएगा कि कोई अनियमितता तो नहीं हो रही है।
सरकार ने की अधिसूचना जारी
आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट कराने से संबंधित एक फाइल उप-राज्यपाल के पास भेजी थी। 27 मार्च 2023 को भेजी गई इस फाइल को दिल्लीवासियों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने इस विशेष ऑडिट कराने के संबंध में तुरंत अधिसूचना जारी कर दी।
इसे भी पढ़ेंःSame Sex Marriage मामले में आज की सुनवाई खत्म, Supreme Court ने की अहम टिप्पणी- ‘समलैंगिक संबंध महज शहरी विचार नहीं’
दिल्ली सरकार का है ये मानना
दिल्ली सरकार की ऊर्जा मंत्री ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना पर आरोप लगाया था कि वो दिल्ली के 47 लाख परिवारों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी को खत्म करना चाहते हैं। इसके सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों के ऑडिट की मांग उठाई थी। अब इस मंजूरी के बाद सरकार का ये मानना है कि इससे पहले तो इस बात का खुलासा हो जाएगा कि जितनी सब्सिडी का पैसा इन 5 सालों में कंपनियों को जारी किया गया है। क्या उसके उपभोक्ताओं के वितरण में कोई अनियमितता तो नहीं। दूसरा सब्सिडी वितरित करने के तंत्र में पारदर्शिता आएगी।
कब तक का होगा ऑडिट
इस मंजूरी के बाद साल 2016-17 से 2021-22 के पिछले 5 सालों का स्पेशल ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार ने बिजली नियामक DERC को ये ऑडिट करने के दिशा-निर्देश जारी किए है। दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (ऊर्जा) रवि धवन के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उप-राज्यपाल ने DERC को CAG के पैनल में शामिल लेखा-परीक्षकों के माध्यम से विशेष ऑडिट कराने निर्देश जारी किए हैं।
इसे भी पढ़ेंःBihar News: खनन माफिया ने महिला अधिकारी को घसीटा, टीम पर किया हमला…44 गिरफ्तार