Delhi News: राजधानी दिल्ली के ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने रेड लाइट ऑन गाड़ी आफ कैंपेन की आज से शुरुआत कर दी है पिछली बार इस तरह के चैंपियन का उद्देश्य एयर क्वालिटी इंडेक्स को कम करना था। इस बार भी सरकार की तरफ से कुछ यही प्रयास है।
आज से शुरू हुआ ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ का अभियान
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की वजह से वातावरण की हालात और भी ज्यादा खराब होती जा रही है। प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली सरकार ने 26 अक्टूबर यानी कि आज से आईटीओ चौराहे से ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की है। इस बार दिल्ली सरकार अपने इस अभियान को जनता की भागीदारी से चलाएगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 28 अक्टूबर को बाराखंभा और 30 अक्टूबर को चंदगीराम अखाड़ा चौराहे पर ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान चलाया जाएगा। 2 नवंबर को को सभी 70 विधानसभा में ये अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3 नवंबर को 2000 इको क्लब के माध्यम से स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
2020 में शुरू हुआ था ये अभियान
गोपाल राय ने बताया कि हमने 2020 में इस अभियान को शुरू किया था, इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया था। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने 2019 में एक अध्ययन किया था। जिसके अनुसार रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने के कारण 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यह जो प्रयोग हो रहे हैं, उसके पीछे लॉजिक है कि जैसे मैं बार-बार कहता हूं, जब हम सुबह गाड़ी लेकर शहर में निकलते हैं तो शाम को घर पहुंचने तक 10 से 12 रेडलाइट से गुजरते हैं। अपनी आदत के कारण इन चौराहों पर हम अपने गाड़ी का इंजन चालू रखते हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि हम 25 से 30 मिनट बेकार में ही फ्यूल बर्निंग करते हैं। ‘रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान का उद्देश्य यही है कि इस आदत को बदला जाए, ताकि लोग अपने वाहनों के इंजन को रेडलाइट पर बंद कर दें।
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में पीसीआरए और पेट्रोलियम संरक्षण साझेदारी के तहत भीकाजी कामा रेडलाइट पर एक अध्ययन किया गया था। वहां बिना अभियान के जब सर्वे हुआ तो 20 प्रतिशत लोग ही रेडलाइट पर गाड़ी का इंजन बंद कर देते थे, ऐसे में वहां प्लेकार्ड वॉलंटियर्स ने अभियान शुरू किया। अभियान के बाद जब सर्वे किया गया, तो पाया गया कि लगभग 80 प्रतिशत लोगों ने अपनी गाड़ी का इंजन बंद करना शुरू कर दिया। ऐसा अभियान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शहरों में भी किया गया है।
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