Manish Sisodia: राजधानी दिल्ली में इस समय राजनीति अपनी चरम पर है। आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल विनय सक्सेना के बीच शिक्षकों को विदेश भेजने को लेकर जमकर गहमागहमी देखने को मिल रही है। ऐसे में शुक्रवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर एक बार फिर कामकाज में रोक लगाने का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि पंजाब में भगवंत मान की सरकार शिक्षकों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेज रही है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी शिक्षकों को फिनलैंड भेजना चाहते हैं। सीएम का आरोप है कि हमारी फाइल चार महीने से इधर – उधर फेंक दी जा रही अभी तक उपराज्यपाल इस पर किसी भी तरह की सुनवाई नहीं कर रहे।
4 माह से भटक रही शिक्षकों की फाइल
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज मीडिया से बात करते हुए उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर कई आरोप लगाए है। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि ” दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद ही हम शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहते थे, हमने कई बार फाइल एलजी साहब के पास भी भेजा लेकिन हमारी फाइल को दरकिनार कर दिया जा रहा है।” ऐसा लग रहा है कि उपराज्यपाल यह नहीं चाहते कि दिल्ली के बच्चों का भविष्य सुंदर हो। पंजाब का जिक्र करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा हमारे लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि पंजाब की सरकार 36 शिक्षकों और दो शिक्षा अधिकारीयों की टीम बेहतर प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेज रही है। वहीं दिल्ली के शिक्षकों की फाइल करीब 4 महीने से केवल उपराज्यपाल विनय सक्सेना के पास ही रुकी हुई है।
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देश में सबको मिलना चाहिए समान शिक्षा का अधिकार
दिल्ली के डिप्टी सीएम का कहना है कि जब भारत का संविधान बराबर है तो सबको समान शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। ऐसे में दिल्ली की सरकार भी शिक्षा पर अपने अधिकार के हिसाब से काम कर सकती है। हमारे पास भी यह अधिकार होने चाहिए कि हम अपनी आवाज को उठा सके। लेकिन दिल्ली के उप राज्यपाल इसका दुरूपयोग कर रहे है , जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
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