DY Chandrachud: सीजेआई (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हाईकोर्ट में जजों की पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जजों की काबिलियत को सेक्सुअल ओरिएंटेशन से नहीं जोड़ा जा सकता है। साथ ही उन्होंने न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौती पर भी अपनी बात रखी।
‘मैं कानून मंत्री से नहीं उलझना चाहता’
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि केस कैसे लड़ना है, मेरे अब तक के कार्यकाल में किसी ने नहीं बताया। इस मामले को लेकर मैं कानून मंत्री से नहीं उलझना चाहता। उन्होंने कहा कि सबकी अलग-अलग धारणाएं होती हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
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‘एक जज साल में 200 दिन कोर्ट में काम करते हैं’ (DY Chandrachud)
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की लंबी छुट्टियों को लेकर कहा कि SC के एक जज साल में करीब 200 दिनों तक कोर्ट का काम करते हैं। यह अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट से 120 दिन ज्यादा है। चंद्रचूड़ ने कहा कि अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय में 80 दिन काम होता है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया में 100 से कम दिन, ब्रिटेन में 145 दिन और सिंगापुर के सर्वोच्च न्यायालय में भी करीब 145 दिन ही काम होता है।
2G घोटाला सबसे बड़ा केस था- यूयू ललित
पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि 2जी घोटाला मामला मेरे लिए सबसे बड़ा केस था। 2G घोटाला मामले में पेपरवर्क ज्यादा था। इस पेपरवर्क से निपटना ही सबसे ज्यादा मुश्किल काम था। ललित ने कहा कि जब हमने मामले को खत्म किया, उस समय तक 150 गवाहों के बयान हो चुके थे। गौर हो कि 2G घोटाला 1.76 लाख करोड़ रुपए का था। इस घोटाले में कई नेता और सरकारी अधिकारी शामिल थे।