Delhi News: दिल्ली सरकार को डीईआरसी ने एक सलाह दी है कि अब दिल्ली में खफत के आधार पर बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने पर विचार होना चाहिए। अब समय आ गया गया है कि अधिक खफत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर रखना चाहिए। आयोग ने विभाग को कहा है कि जिन उपभोक्ताओं का कनेक्शन लोड 3 किलोवाट तक के हैं उन्हें तत्काल सब्सिडी की सीमा से बाहर करें।
जानें क्या है वर्तमान व्यवस्था
आपको बता दें इस समय दिल्ली सरकार की तरफ से किसी भी लोड के कनेक्शन पर 200 यूनिट तक की खफत पर फ्री बिजली दी जा रही है। यदि उपभोक्ता 400 यूनिट तक की खफत कर रहा है तो बिल पर 50 फीसदी की अथवा 800 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। इसके बाद यदि 401 यूनिट या उससे अधिक की बिजली खफत करता है तो वह सब्सिडी सीमा से बाहर हो जाता है। यानि कहा जाए तो अभी केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को खफत आधारित सब्सिडी दे रही है। मौजूदा वित्तवर्ष 2022-23 में ही सरकार उपभोक्ताओं को बजट में 3250 करोड़ दे चुकी है। आपको बता दें इस समय दिल्ली के कुल बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 58 के आस-पास है। जिसमें लगभग 11 लाख कॉमर्शियल तथा बाकी 47 लाख के लगभग घरेलु उपभोक्ता हैं।
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जानें क्या होगा असर
आपको बता दें जैसा कि अभी दिल्ली सरकार लोगों को स्लॉट आधारित बिजली सब्सिडी दे रही है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ( डीईआरसी) ने विभाग को इस सब्सिडी को खफत आधारित करने का सुझाव दिया है। आयोग के सुझाव पर विभाग ने प्रस्ताव को तैयार करना शुरु भी कर दिया है। यदि ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो सिर्फ 10-15 फीसदी उपभोक्ताओं पर ही इसका असर पड़ेगा। बता दें पिछले साल 1 अक्टूबर से दिल्ली सरकार ने व्यवस्था में थोड़ा सा बदलाव करके सब्सिडी को मांगने पर ही देने की शुरुआत की थी। इस कारण लगभग 40.28 लाख उपभोक्ताओं ने सब्सिडी के लिए पंजीकरण करा लिया है।