Same-Sex Marriage: भारत में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज से सुनवाई शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
यह बहुत की महत्वपूर्ण सवाल है
सुनवाई शुरू होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने कहा कि सेम सेक्स मैरिज (Same-Sex Marriage) का मुद्दा ऐसा नहीं है, जिस पर एक पक्ष में बैठे 5 लोग, दूसरे पक्ष में बैठे 5 लोग और बेंच पर बैठे 5 विद्वान बहस कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि इसको लेकर हमें दक्षिण भारत के किसान और उत्तर भारत के बिजनसमैन का क्या कहना और वे क्या सोचते हैं, यह भी जानना होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि यह बहुत की महत्वपूर्ण सवाल है।
याचिकाकर्ता क्यों दलीलें दे रहे हैं?
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि हम अभी भी इन याचिकाओं के आधार पर सवाल कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि इस मामले पर सभी राज्यों की एकराय नहीं हो। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता क्यों दलीलें दे रहे हैं। जिस पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल हमें नहीं बता सकते हैं कि यह फैसला कैसे करना है।
भारतीय परिवार की अवधारणा के खिलाफ
गौर हो कि इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि सेम सैक्स मैरिज भारतीय परिवार की अवधारणा के खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि कानून के अनुसार इसे मान्यता नहीं दी जा सकती है क्योंकि उसमें पति और पत्नी की परिभाषा जैविक तौर पर दी गई है।
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