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Delhi-NCR में धुंध का कहर! कई इलाकों में AQI 500 के पार, क्या Diabetes के मरीजों पर बढ़ेगा खतरा? यहां जानें सब कुछ

World Diabetes Day 2024: दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। सवाल ये है कि बढ़ते प्रदूषण से Diabetes के मरीजों पर खतरा बढ़ेगा?

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प्रतीकात्मक तस्वीर

World Diabetes Day 2024: बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना! इसी थीम के साथ अबकी बार फिर 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day 2024) मनाया जा रहा है। सर फ्रेडरिक बेंटिंग (Frederick Banting) के स्मरण में मनाए जाने वाले इस दिवस का लक्ष्य डायबिटीज मरीजों को सजग और सावधान करना है। देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम बदलने के साथ ही डायबिटीज मरीजों को और सतर्क रहने की बात कही जा रही है।

विशेष तौर पर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्तमान हालात की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या बढ़ते प्रदूषण का असर डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों पर पड़ेगा? ऐसे में आइए हम आपको सभी संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।

Delhi-NCR के कई इलाकों में AQI 500 के पार!

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। एक्यूआई का ये आंकड़ा प्रदूषण की स्थिति को दर्शाता है। AQICN.ORG की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक आरके पुरम में सुबह 10 बजे एक्यूआई 686 पर था जो कि बेहद खतरनाक स्तर पर है। PGDAV कॉलेज श्रीनिवासपुरी दिल्ली इलाके में एक्यूआई 531 है।

डाइट ओखला दिल्ली में एक्यूआई 578 पर है। मेजर ध्यानचंद नेशनल इलाके में एक्यूआई 556 पर है। द्वारका में एक्यूआई 663 पर पहुंच गया है। वहीं मुंडका में एक्यूआई का आंकड़ा 449, तो गुरुग्राम में ये 236 पर पहुंचा है। नोएडा के सेक्टर 125 में एक्यूआई 230 तो वहीं गाजियाबाद के वसुंधरा में इसका आंकड़ा 240 पर पहुंच गया है।

क्या Diabetes के मरीजों पर बढ़ेगा खतरा?

प्रदूषण के बढ़ते स्तर से डायबिटीज मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है। प्रदूषम अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज मरीजों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। चिकित्सकों की मानें तो इससे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न हो सकता है जिसके कारण अग्नाशयी कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इंसुलिन उत्पादन और स्राव पर इसका प्रभाव पड़ेगा।

इसके अलावा बढ़ते प्रदूषण से आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके कारण मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। वायु प्रदूषण के संपर्क में लंबे समय तक रहने वाले लोगों में शरीर में प्रणालीगत सूजन का जोखिम भी बढ़ जाता है। इससे इंसुलिन बाधित होने और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

World Diabetes Day 2024 का इतिहास!

देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हर वर्ष की भांती आज 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जा रहा है। इस खास दिवस को सर फ्रेडरिक बेंटिंग के स्मरण में मनाया जाता है जिन्होंने कठिन परिश्रम और अनुसंधान के बल पर इंसुलिन की खोज की थी। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर लोगों को मधुमेह और इसके नुकसान के बारे में जानकारी देकर जागरूकता का प्रसार किया जाता है। इस खास दिवस को मनाने के लक्ष्य लोगों को जागरुक करना और मधुमेह के प्रसार पर रोक लगाना है।

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