Wrestlers Protest: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच हरिद्वार पहुंचे पहलवानों ने गंगा में मेडल प्रवाहित करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। किसान नेताओं के आग्रह पर पहलवानों ने अपना कार्यक्रम स्थगित किया है। न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक पहलवानों को मनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे थे और उन्होंने पहलवानों से 5 दिन का समय मांगा है। वहीं, पहलवानों ने अपने सभी मेडल उन्हे सौंप दिए हैं।
मेडल को लेकर भावुक दिखीं साक्षी-विनेश
अपने मेडल्स को गंगा में प्रवाहित करने के ऐलान के बाद सभी पहलवान अपने मेडल लेकर मंगलवार शाम हरिद्वार पहुंचे थे। गंगा में मेडल प्रवाहित करने से पहले हरिकी पौड़ी पर पहलवान खूब रोए। सभी पहलवान काफी देर तक अपने मेडल लेकर गंगा किनारे बैठे रहे। इसी बीच स्थानीय लोगों ने उन्हें गंगा में मेडल प्रवाहित करने से रोक दिया है। इसके बाद किसान नेताओं के आग्रह पर पहलवानों ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
गंगा में मेडल प्रवाहित करने का किया था ऐलान
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों की लड़ाई जारी है। अपने आंदोलन के बीच पहलवानों ने आज सुबह अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान किया था। इसकी जानकारी रेसलर विनेश फोगाट ने अपने सोशल मीडिया के जरिए दी थी। उन्होंने ट्विटर पर बताया था कि मंगलवार (30 मई) शाम छह बजे खिलाड़ी अपना मेडल हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर देंगे। विनेश फोगाट ने ये ऐलान 28 मई को पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन के दो दिन बाद किया है।
‘इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है’
विनेश फोगाट ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा, “हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा। हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है। फोगाट ने आगे लिखा, “हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे। उन्होंने आगे लिखा, ये मेडल हमें नहीं चाहिए। हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं।
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आमरण अनशन का ऐलान
फोगाट ने मेडल प्रवाहित करने के बाद आमरण अनशन का भी ऐलान किया। उन्होंने लिखा, “इन मेडल के गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। फोगाट ने कहा, “इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।”
गंगा में मेडल बहाने की बताई वजह
पत्र में पहलवानों ने इस मेडल को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को न सौंपकर गंगा में ही बहाने की वजह भी बताई है। उन्होंने लिखा, “हमारे सामने सवाल आया कि मेडल किसे लौटाएंगे। हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं।
वहीं, PM मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए पहलवानों ने लिखा, “प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली। बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारा शोषण करने वाले को ही बुलाया। वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था। उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी। मानो कह रही हो मैं ही तंत्र हूं।”
पहलवानों ने लोगों से की अपील
ट्विटर पर शेयर किए गए पत्र के आखिर में पहलवानों ने लोगों से अपील करते हुए लिखा, “अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं। अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ खड़े हैं।”
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