India-Pakistan: भारत-पाकिस्तान का एक लंबा इतिहास रहा है। दोनों देशों के बीच कई जंग तक हो चुकी है। यूं तो पाकिस्तान भारत का पड़ोसी है। बावजूद इसके आज तक दोनों देशों के रिश्ते नहीं सुधर पाए हैं। भारत-पाकिस्तान की जेलों को दोनों देशों के हजारों कैदी बंद है। जुलाई महीने की शुरुआत होते ही दोनों देशों में एक दूसरे की जेलों में बंद कैदियों और मछुआरों की लिस्ट सौंपी है। भारत की ओर से कुल 254 भारतीय मछुआरे और चार कैदियों को लिस्ट पाकिस्तान को सौंपी गई है। ये कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और उनकी रिहाई जल्द होनी है। ऐसे में भारत ने इनकी रिहाई जल्द करने की मांग की है।
भारतीयों की रिहाई जल्द करने की मांग
दरअसल, दोनों देशों को बीच 2001 में एक समझौता (Consular Agreement) हुआ था। इस समझौते के मुताबिक, दोनों देश 1 जनवरी और 1 जुलाई को कैदियों की लिस्ट जारी करते हैं। इस लिस्ट में उन कैदियों के नाम शामिल होते हैं जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। ऐसे में जुलाई के शुरू होते ही दोनों देशों ने एक दूसरे को कैदियों की सूची सौंपी है। भारत द्वारा जारी की गई लिस्ट में पाकिस्तान के 343 नागरिक कैदियों और 74 मछुआरों के नाम शामिल हैं।
अब तक भारत लौटे 2,559 मछुआरे और 63 कैदी
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार भारत ने पाकिस्तान से उनके कैदियों की जल्द रिहाई की मांग की है। बयान में भारत ने 254 भारतीय मछुआरों और चार नागरिक कैदियों को जल्द रिहा करने को कहा है। ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा भारत ने यहां की जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों और मछुआरों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने का भी आग्रह किया है। बयान के अनुसार, 2014 से अब तक 2,559 भारतीय मछुआरे और 63 भारतीय नागरिक कैदी पाकिस्तान से वापस लौट चुके हैं। जबकि, इस साल 398 भारतीय मछुआरों और पांच नागरिक कैदियों को वापस लाया गया है।
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