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Dhirendra Krishna Shastri ने बताया भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने का फॉर्मूला, यहां जानें बागेश्वर बाबा के टॉप विवादित बयान

Dhirendra Krishna Shastri: इस लेख के माध्यम से हम आपको बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विवादित बयानों के बारे में बताएंगे।

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Dhirendra Krishna Shastri
Dhirendra Krishna Shastri (सांकेतिक तस्वीर)

Dhirendra Krishna Shastri: मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले में स्थित ‘बागेश्वर धाम’ को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के साथ यहां के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) भी चर्चाओं में हैं और साथ ही चर्चा में है उनका बताया एक फॉर्मूला जो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बना रहा है। दरअसल उन्होंने सोमवार के दिन बागेश्वर धाम में अपने दिव्य दरबार को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को सिर्फ दो जातियां बनाना चाहिए, एक अमीर और दूसरा गरीब। इससे सबका भला हो सकेगा और भेद-भाव मिट सकेंगे।

धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) यही नहीं रूके, उन्होंने हिंदू राष्ट्र का जिक्र करते हु लोगों को एक फॉर्मूला भी बताया। उन्होंने जाति-पाति पर बात करते हुए कहा कि “लोगों को खुद अपना सरकार बनना पड़ेगा और केवल बागेश्वर बाबा हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) नहीं बना सकते, भारत के हर भाई और बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा।” धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा कहे गए इस बयान को लेकर अब खूब सुर्खियां बन रही हैं। ऐसे में आइए हम आपको बागेश्वर बाबा के कुछ टॉप विवादित बयानों के बारे में बताते हैं जिनको लेकर पहले काफी घमासान मच चुका है।

Dhirendra Krishna Shastri के टॉप विवादित बयान

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) अपने खास अंदाज से सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने बीते दिन ‘हिंदू राष्ट्र’ और जाति-पाति को लेकर एक बयान दिया जिसपर खूब चर्चा हुई। हालाकि ये पहली बार नहीं है जब धीरेंद्र शास्त्री का बयान सुर्खियों में है या उसको लेकर घमासान छिड़ी है। इससे पहले भी कई बार बागेश्वर धाम के बयान को लेकर सुर्खियां बन चुकी हैं।

बीते 2 अक्टूबर की बात करें तो उन्होंने बिहार के बोधगया से मौलवियों को लेकर एक अहम बयान दिया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब विवाद मचा। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि “ऐसा क्यों होता है कि ‘हवस के पुजारी’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, ‘हवस के मौलवी’ शब्द का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है? उनका मानना है कि प्रायोजित तरीके से ऐसा कृत्य किया जाता है। उनके इस बयान को लेकर खूब सुर्खियां बनी थीं और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने उन्हें नफरती तक बता दिया था।

वर्ष 2024 के अप्रैल महीने में भी धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) का एक बयान सुर्खियों में रहा था जिसमें उन पर हजरत अली को लेकर विवादित बयान देने का आरोप लगा। हालाकि बाद में उन्होने सफाई जारी कर कहा कि “उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मौला अली मुसलमानों के देवता हैं और मेरे दिल में उनके लिए सम्मान है। अगर किसी को मेरे शब्दों या बयानों से ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।”

धीरेन्द्र शास्त्री ने कुछ समय पहले ही हैहयवंशी समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्र बाहू महाराज को लेकर भी विवादित बयान दे दिया था जिसको लेकर खूब सुर्खियां बनी थीं। उन्होंने कहा था कि सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया था। उनके इस बयान के बाद खूब विरोध-प्रदर्शन भी हुए जिसके बाद पंडित शास्त्री की ओर से अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया गया।

कुनबी समुदाय ने भी बागेश्वर बाबा पर साधा था निशाना

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर महाराष्ट्र के पूज्य संत तुकाराम को लेकर भी विवादित बयान देने का आरोप लगा। उन्होंने कहा था कि संत तुकाराम की पत्नी उन्हें रोज डंडे से मारती थी। उनके इस बयान को लेकर कुनबी समुदाय ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। हालाकि धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने बयान के लिए खेद प्रकट कर मामले को ठंडा कर दिया।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) पर साईं बाबा को लेकर विवादित बयान देने के आरोप भी लगे। उन्होंने कहा था कि “साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं हो सकते हैं।” उनके इस बायन पर जब हंगामा बरपा तो उन्होंने खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी थी।

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